
छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक बजट: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने हस्तलिखित बजट पेश कर रचा इतिहास
छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक बजट: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने हस्तलिखित बजट पेश कर रचा इतिहास

रायपुर, 03 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में इस बार एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ, जब वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने हस्तलिखित बजट पेश किया। यह पहली बार है जब राज्य में कंप्यूटर-टाइप्ड बजट के बजाय पूरी तरह हाथ से लिखा बजट प्रस्तुत किया गया। वित्त मंत्री ने इस ऐतिहासिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर इसे सदन के समक्ष रखा। यह बजट कुल 100 पृष्ठों का है और इसे पूरी तरह मंत्री ने स्वयं अपने हाथों से लिखा है।
बजट सत्र की शुरुआत से पहले वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी प्रदेश की सुख-समृद्धि और आर्थिक प्रगति की कामना के साथ रायपुर के वीआईपी रोड स्थित श्रीराम मंदिर पहुंचे। उन्होंने वहां विधिवत पूजा-अर्चना कर बजट की सफलता और प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना की। इसके बाद वे विधानसभा पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप की उपस्थिति में उन्होंने बजट पर हस्ताक्षर किए।
हस्तलिखित बजट: परंपरा की ओर एक नई पहल
छत्तीसगढ़ में आमतौर पर बजट डिजिटल प्रारूप में तैयार किया जाता रहा है, लेकिन इस बार वित्त मंत्री ने एक अलग परंपरा की शुरुआत करते हुए अपने हाथों से लिखा बजट पेश किया। यह कदम परंपराओं की ओर लौटने और मौलिकता को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा,
“डिजिटल युग में हस्तलिखित बजट पेश करना एक अनूठी पहल है। यह हमारी परंपराओं की ओर लौटने और बजट की प्रामाणिकता को बनाए रखने का एक प्रयास है।”
उन्होंने आगे कहा कि हस्तलिखित बजट न केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज होगा, बल्कि यह हमारी प्रशासनिक और आर्थिक व्यवस्था में पारदर्शिता को भी दर्शाएगा।
ऐतिहासिक बजट की विशेषताएं
1. 100 पृष्ठों का हस्तलिखित दस्तावेज – पहली बार पूरी तरह हाथ से लिखा बजट प्रस्तुत किया गया।
2. परंपरा और आधुनिकता का संगम – डिजिटल युग में एक ऐतिहासिक और मौलिक पहल।
3. सदन में अनूठी प्रस्तुति – मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में बजट पर हस्ताक्षर।
4. साफ-सुथरी लेखनी और सुव्यवस्थित दस्तावेज़ीकरण – वित्त मंत्री द्वारा बजट को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।
बजट से पहले श्रीराम मंदिर में पूजा-अर्चना
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने बजट पेश करने से पहले रायपुर स्थित श्रीराम मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर में उन्होंने विधिवत अनुष्ठान कर प्रदेश की उन्नति, समृद्धि और जनता के कल्याण के लिए आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा,
“भगवान श्रीराम से प्रार्थना की है कि यह बजट छत्तीसगढ़ की जनता के लिए समृद्धि और विकास लेकर आए। प्रदेश का हर नागरिक खुशहाल हो और अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहे।”
मुख्यमंत्री और मंत्रियों की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने वित्त मंत्री के इस अनूठे कदम की सराहना करते हुए कहा,
“यह छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक क्षण है। हस्तलिखित बजट प्रस्तुत करना न केवल पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है, बल्कि यह बजट को अधिक मानवीय और प्रामाणिक भी बनाता है।”
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि यह पहल आने वाले वर्षों में बजट प्रस्तुति के नए मानदंड स्थापित कर सकती है।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने इसे “सरलता और प्रभावशीलता” की नई पहचान बताया।
छत्तीसगढ़ में पहली बार अनूठी बजट प्रस्तुति
अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में केवल डिजिटल या टाइप किए गए बजट ही प्रस्तुत किए जाते रहे हैं। लेकिन इस बार की प्रस्तुति ने इसे ऐतिहासिक बना दिया है। वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी का मानना है कि यह परंपरा भविष्य में भी जारी रह सकती है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में नई ऊर्जा का संचार होगा।
बजट पेश करने के दौरान विधानसभा में माहौल पूरी तरह उत्साह से भरा रहा। वित्त मंत्री के इस नए प्रयोग को सभी सदस्यों ने सराहा। सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी इसे एक दिलचस्प और सराहनीय प्रयास बताया।
जनता की प्रतिक्रियाएं
बजट पेश होने के बाद सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर जनता की तरफ से भी इस अनूठी पहल को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कई लोगों ने इसे “छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं की ओर लौटने की दिशा में बड़ा कदम” बताया।
एक स्थानीय व्यापारी ने कहा,
“हस्तलिखित बजट एक अनूठा और सराहनीय प्रयास है। इससे सरकार की गंभीरता और पारदर्शिता झलकती है।”
एक छात्र ने कहा,
“यह जानकर गर्व महसूस हो रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार परंपराओं और आधुनिकता का संतुलन बनाए रख रही है।”
बजट का भविष्य और संभावनाएं
छत्तीसगढ़ में इस नए प्रयोग के बाद अब अन्य राज्यों में भी इस तरह की परंपरा की शुरुआत हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल एक ऐतिहासिक पहल है, बल्कि सरकारी दस्तावेजों को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने का तरीका भी हो सकता है।
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत यह हस्तलिखित बजट छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। यह केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में मौलिकता और पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
“हस्तलिखित बजट: एक नई शुरुआत, एक ऐतिहासिक पहल!”












