
सीडी कांड में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ी राहत: सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोप किए खारिज
सीडी कांड में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ी राहत: सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोप किए खारिज
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल को बहुचर्चित सीडी कांड में बड़ी राहत मिली है। सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज सभी धाराओं को खारिज करते हुए कहा कि मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है। इस फैसले के बाद कांग्रेस खेमे में उत्साह है, जबकि भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
क्या था पूरा मामला?
भूपेश बघेल पर आरोप था कि उन्होंने 2017 में एक अश्लील सीडी के जरिए तत्कालीन भाजपा सरकार के एक मंत्री की छवि खराब करने की साजिश रची थी। इस मामले में सीबीआई ने उनके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। उस समय बघेल को न्यायिक हिरासत में भी लिया गया था और कुछ समय जेल में रहना पड़ा था।
भाजपा सरकार के समय इस मामले की सीबीआई जांच कराई गई थी और एजेंसी ने अदालत में चार्जशीट दायर की थी। बघेल पर आरोप था कि उन्होंने सीडी के वितरण में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, बघेल ने हमेशा इन आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया और इसे भाजपा सरकार की साजिश करार दिया।
अदालत ने क्यों किया मामला खारिज?
सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, जो यह साबित कर सकें कि भूपेश बघेल ने किसी अपराध को अंजाम दिया है। अदालत ने चार्जशीट में लगाए गए सभी आरोपों को कमजोर और तथ्यहीन बताया और कहा कि इस मामले में मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं बनता।
न्यायालय के फैसले के मुख्य बिंदु:
1. कोई ठोस सबूत नहीं: अभियोजन पक्ष ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया, जिससे यह सिद्ध हो सके कि भूपेश बघेल ने साजिश रची थी।
2. राजनीतिक दुर्भावना की आशंका: अदालत ने माना कि यह मामला राजनीतिक कारणों से प्रेरित हो सकता है।
3. सीबीआई की चार्जशीट में खामियां: न्यायालय ने सीबीआई की जांच में तकनीकी खामियों को उजागर किया और इसे दोषपूर्ण करार दिया।
4. सबूतों की प्रमाणिकता पर सवाल: जिन सबूतों के आधार पर मामला बनाया गया था, वे अदालत में टिक नहीं पाए।
भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद भूपेश बघेल ने कहा, “सत्य की हमेशा जीत होती है। यह पूरा मामला भाजपा द्वारा गढ़ा गया षड्यंत्र था, जिसका मकसद मुझे राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाना था। लेकिन न्यायालय ने सच को सामने ला दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया और जगह-जगह ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने इस फैसले पर निराशा जताते हुए कहा कि न्याय की प्रक्रिया से छेड़छाड़ हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, “सीबीआई को इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करनी चाहिए। हम इस लड़ाई को न्यायिक प्रक्रिया में आगे ले जाएंगे।”
राजनीतिक मायने और असर
यह फैसला छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है। वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा सत्ता में आई थी। लेकिन अब जब यह मामला खारिज हो गया है, तो भूपेश बघेल की छवि को मजबूती मिल सकती है और वह फिर से राजनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका में आ सकते हैं।
क्या यह भाजपा के लिए झटका है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से भाजपा को झटका लग सकता है, क्योंकि यह मामला चुनावों के दौरान बड़ा मुद्दा बना था। भाजपा ने इसे भूपेश बघेल की साजिश और भ्रष्टाचार से जोड़कर प्रचारित किया था। अब अदालत के फैसले के बाद भाजपा के आरोप कमजोर पड़ गए हैं।
आगे की राह
इस मामले में अब देखना होगा कि क्या सीबीआई इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेगी या नहीं। साथ ही, कांग्रेस इस फैसले को आगामी चुनावों में अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश करेगी।
सीडी कांड में भूपेश बघेल को मिली राहत ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह फैसला कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो सकता है, जबकि भाजपा के लिए बड़ा झटका। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि भाजपा और सीबीआई इस फैसले पर आगे क्या कदम उठाते हैं।