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खेल नीति का नया दौर: राष्ट्रीय चिंतन शिविर में छत्तीसगढ़ के टंक राम वर्मा की सक्रिय भागीदारी

खेल नीति का नया दौर: राष्ट्रीय चिंतन शिविर में छत्तीसगढ़ के टंक राम वर्मा की सक्रिय भागीदारी

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रायपुर, 8 मार्च 2025 – देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों का राष्ट्रीय “चिंतन शिविर” 7 और 8 मार्च 2025 को हैदराबाद के कान्हा शांति वनम में आयोजित किया गया। इस मंथन सत्र का आयोजन युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (MYAS) के तत्वावधान में किया गया, जिसमें केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया, विभिन्न राज्यों के खेल मंत्री, खेल विशेषज्ञ और अन्य प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण शिविर में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा ने किया और राज्य में खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी दूरदर्शिता प्रस्तुत की।

छत्तीसगढ़ के खेलों के लिए केंद्र से विशेष सहायता की मांग

चिंतन शिविर में टंक राम वर्मा ने छत्तीसगढ़ की खेल योजनाओं पर जोर दिया और केंद्रीय खेल मंत्री से लक्ष्मीबाई खेल संस्थान एवं बस्तर ओलंपिक के लिए आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने कहा कि यह शिविर राज्य में खेलों के विकास के लिए नई नीतियों, संसाधनों और संभावनाओं के द्वार खोलने का महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। छत्तीसगढ़ सरकार खेलो इंडिया और अन्य योजनाओं के माध्यम से राज्य को एक उभरते हुए खेल हब के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय स्तर पर खेल नीति को समृद्ध एवं प्रभावी बनाने में चिंतन शिविर एक ऐतिहासिक पहल साबित होगी।

खेलो इंडिया: राज्यों की भूमिका और समन्वय पर मंथन

इस दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर में “खेलो इंडिया योजना” पर विशेष चर्चा हुई। इसमें राज्यों की भागीदारी, समन्वय और प्रभावी कार्यान्वयन के मुद्दों की गहन समीक्षा की गई। खेल अधोसंरचना को बेहतर बनाने, निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और राज्य सरकारों के सहयोग से खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए रणनीतियों पर मंथन किया गया।

इस चर्चा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि राज्य सरकारों की सक्रिय भूमिका से खेल प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। खेलो इंडिया योजना के तहत राज्यों की भूमिका को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त वित्तीय और तकनीकी सहायता की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।

खेल अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी

चिंतन शिविर में यह निर्णय लिया गया कि खेल अधोसंरचना के विस्तार और उसे आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए। टंक राम वर्मा ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि सरकार और निजी कंपनियों के संयुक्त प्रयास से खेल सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाया जा सकता है, जिससे युवा खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में भी इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।

खेल प्रतिभाओं की पहचान और प्रशिक्षण की नई रणनीति

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शिविर में राज्यों के सफल प्रयासों का प्रस्तुतिकरण भी किया गया, जहां विभिन्न राज्यों ने अपनी उत्कृष्ट खेल नीति और नवाचारों को साझा किया। छत्तीसगढ़ ने अपने बस्तर ओलंपिक मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया, जिसे बेहद सराहा गया। इस मॉडल के तहत आदिवासी क्षेत्रों में छिपी खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। टंक राम वर्मा ने इस संदर्भ में कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रीय खेल भंडार प्रणाली (NSRS) पर चर्चा

शिविर के अंतिम सत्र में राष्ट्रीय खेल भंडार प्रणाली (NSRS) पर विस्तृत मंथन किया गया। इसमें खेल संगठनों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और खेल नीतियों को और प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा हुई। टंक राम वर्मा ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि खेलों को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी का व्यापक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल डाटाबेस, एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी आधुनिक तकनीकों को खेल प्रशासन में शामिल करने से खेल प्रतिभाओं की खोज और प्रशिक्षण को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है।

छत्तीसगढ़ की खेल नीति को नई दिशा

इस चिंतन शिविर से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ सरकार अपने खेल नीति में कई अहम बदलाव करने की योजना बना रही है। टंक राम वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार नई खेल नीति तैयार कर रही है, जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:

ग्राम स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक खेल प्रतिभाओं की पहचान – राज्य के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में विशेष प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन।

खेल अधोसंरचना में निजी क्षेत्र की भागीदारी – अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, प्रशिक्षण केंद्र और खेल अकादमियों की स्थापना।

खिलाड़ियों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना – मेधावी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता और विशेष सुविधाएं।

खेल विज्ञान और टेक्नोलॉजी का उपयोग – खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए स्पोर्ट्स साइंस और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग।

राज्य में अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन – छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख खेल आयोजन केंद्र के रूप में विकसित करना।

चिंतन शिविर से उभरे नए अवसर

इस राष्ट्रीय चिंतन शिविर से न केवल खेल नीति को नया आयाम मिला, बल्कि राज्यों को अपने अनुभव साझा करने और नई रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने का अवसर भी प्राप्त हुआ। टंक राम वर्मा ने कहा कि इस शिविर से प्राप्त सुझावों को राज्य की खेल नीति में शामिल किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी खेल राज्यों में शामिल हो सके।

उन्होंने यह भी कहा कि खेल केवल एक शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण साधन है। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है और आने वाले वर्षों में राज्य को खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

राष्ट्रीय चिंतन शिविर 2025 खेल नीति और योजनाओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है। इस आयोजन से राज्यों को नई नीतियों को अपनाने, संसाधनों का बेहतर उपयोग करने और खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने की दिशा में मार्गदर्शन मिला। टंक राम वर्मा की सक्रिय भागीदारी और उनके विचारों से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ खेलों के विकास में एक नया अध्याय लिखने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Ashish Sinha

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