
रामानुजगंज के सौ बिस्तरीय अस्पताल का औचक निरीक्षण: स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के निर्देश
रामानुजगंज के सौ बिस्तरीय अस्पताल का औचक निरीक्षण: स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के निर्देश
बलरामपुर, 20 मार्च 2025: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक स्मृति एक्का द्वारा 100 बिस्तरीय अस्पताल रामानुजगंज का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की मौजूदा स्थिति, सफाई व्यवस्था, दवा भंडारण, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की जांच की गई। अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन को कई आवश्यक सुधारों के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान मुख्य बिंदु
1. ओपीडी एवं उपस्थिति पंजी की जांच
डॉ. बसंत कुमार सिंह ने ओपीडी पहुंचकर दैनिक उपस्थिति पंजी का अवलोकन किया और डॉक्टरों एवं स्टाफ की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की संख्या एवं ओपीडी सेवाओं की गुणवत्ता पर भी चर्चा की गई।
2. पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का अवलोकन
उन्होंने पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती बच्चों और उनकी माताओं से बातचीत कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। माताओं ने बताया कि उन्हें उचित पोषण दिया जा रहा है, लेकिन कुछ अतिरिक्त सुविधाओं की आवश्यकता है। इस पर अधिकारियों ने तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए।
3. सफाई व्यवस्था पर कड़ी नाराजगी
निरीक्षण के दौरान अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर अधिकारियों ने गहरी नाराजगी जताई। अस्पताल परिसर, वार्ड और शौचालयों की सफाई संतोषजनक नहीं पाई गई। इस पर प्रभारी चिकित्सक और स्टोर प्रभारी को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया गया।
4. दवाई भंडारण कक्ष एवं उपकरणों की स्थिति
डॉ. सिंह ने दवाई भंडारण कक्ष का निरीक्षण कर आवश्यक दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने स्टोर प्रभारी को निर्देश दिए कि सभी दवाओं का सही रखरखाव सुनिश्चित किया जाए और जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की कमी न हो।
5. महत्वपूर्ण चिकित्सा इकाइयों को जल्द शुरू करने के निर्देश
अस्पताल में आम जनता की सुविधा हेतु ऑपरेशन थिएटर (ओटी), ब्लड स्टोरेज सेंटर और डायलिसिस यूनिट जल्द से जल्द चालू करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन से इन सेवाओं को शीघ्र प्रारंभ करने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा।
6. कायाकल्प कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा
जिला कार्यक्रम प्रबंधक स्मृति एक्का ने कायाकल्प कार्यक्रम अंतर्गत राज्य से होने वाले बाह्य मूल्यांकन हेतु अस्पताल को तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल की स्वच्छता, मरीजों की संतुष्टि और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
अस्पताल की वर्तमान स्थिति और सुधार की जरूरतें
रामानुजगंज के 100 बिस्तरीय अस्पताल को लेकर जनता और जनप्रतिनिधियों की उम्मीदें काफी अधिक थीं, लेकिन वास्तविकता में यह अस्पताल सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं की जमीनी सच्चाई को उजागर करता है।
डॉक्टरों और स्टाफ की कमी
अस्पताल को सौ बिस्तरों के हिसाब से संचालित किया जाना था, लेकिन वर्तमान में यहाँ डॉक्टरों की संख्या अपेक्षा से काफी कम है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की बात तो दूर, कई सामान्य चिकित्सकों की भी कमी बनी हुई है। अस्पताल में स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
चिकित्सा उपकरण और दवाओं की उपलब्धता
अस्पताल में जरूरी उपकरणों की कमी भी गंभीर समस्या बनी हुई है। एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड, वेंटिलेटर जैसी सुविधाएँ या तो अनुपलब्ध हैं या फिर सही से कार्य नहीं कर रही हैं। इसके अलावा, दवाओं की कमी के कारण मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर्स से महंगी दरों पर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।
मरीजों की समस्याएं और आम जनता की नाराजगी
अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत करने पर सामने आया कि उन्हें घंटों तक डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ता है। कई बार उन्हें बाहर के निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अस्पताल में स्वच्छता की भी बड़ी समस्या है। वार्डों में गंदगी और शौचालयों की खराब स्थिति को लेकर मरीजों ने कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप
अस्पताल की बदहाल स्थिति को लेकर स्थानीय राजनीतिक दलों ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार केवल घोषणाएं करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं होता। वहीं, सत्ता पक्ष का दावा है कि अस्पताल को जल्द ही पूरी सुविधाओं से लैस किया जाएगा और डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
स्वास्थ्य विभाग का क्या कहना है?
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी को जल्द दूर किया जाएगा। उपकरणों की मरम्मत और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया जा रहा है। हालांकि, स्थानीय जनता को कब तक राहत मिलेगी, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।
संभावित सुधार और भविष्य की योजनाएं
अस्पताल की स्थिति को सुधारने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की तत्काल नियुक्ति: अस्पताल में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति आवश्यक है।
आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था: एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, वेंटिलेटर, पैथोलॉजी लैब जैसी सुविधाओं को दुरुस्त करना होगा।
दवा आपूर्ति में सुधार: अस्पताल में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं न खरीदनी पड़ें।
स्वच्छता और रखरखाव: अस्पताल परिसर की साफ-सफाई और शौचालयों की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
स्थानीय प्रशासन की निगरानी: अस्पताल में दी जा रही सेवाओं की नियमित रूप से निगरानी करने के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाना चाहिए।
रामानुजगंज का सौ बिस्तरीय अस्पताल एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी, लेकिन वर्तमान में यह उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। अगर सरकार और प्रशासन मिलकर इस अस्पताल की समस्याओं को दूर करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करें, तो यह स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। स्थानीय नागरिकों को भी जागरूक रहकर अस्पताल की सुविधाओं में सुधार के लिए अपनी आवाज बुलंद करनी होगी, ताकि वे बेहतर चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकें।