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प्रख्यात संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी का दिल्ली में भव्य सम्मान

प्रख्यात संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी का दिल्ली में भव्य सम्मान

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सिंधी समाज ने गौ प्रतिष्ठा अभियान में सक्रिय सहयोग का दिया आश्वासन

23 मार्च को कानपुर में शहीद हेमू कालानी जन्मोत्सव कार्यक्रम में होंगे विशेष अतिथि

रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के प्रतिष्ठित संत और देशभक्ति व आध्यात्मिक मूल्यों के संवाहक संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी के दिल्ली आगमन पर सिंधी समाज द्वारा भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पूज्य सिंधी पंचायत झूलेलाल धाम अशोक विहार, भारतीय सिंधु सभा दिल्ली प्रांत, इंडस सिंधु ऑर्गेनाइजेशन सहित अन्य प्रमुख संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली सिंधी समाज के वरिष्ठ नेता, झूलेलाल धाम अशोक विहार के अध्यक्ष श्री लखमीचन्द मकरानी ने की, जबकि कार्यक्रम के संयोजक विश्व सिंधी सेवा संगम के अंतरराष्ट्रीय निदेशक श्री भरत वतवाणी रहे। इस विशेष अवसर पर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में सिंधी समाज के गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, संतगण एवं विद्वान उपस्थित रहे।

गौ प्रतिष्ठा अभियान को लेकर संत मसंद साहिब जी की अपील

संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में भारत में चल रहे गौ प्रतिष्ठा अभियान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि परम धर्म संसद 1008, जो कि भारत सहित 100 से अधिक देशों के धार्मिक और सामाजिक शीर्षस्थ विभूतियों का मार्गदर्शक संगठन है, गत दो वर्षों से इस पवित्र अभियान को आगे बढ़ा रहा है।

उन्होंने बताया कि भारत सनातन वैदिक परंपरा का पालन करने वाला राष्ट्र रहा है, जहां गौ माता को माता के समान पूजनीय माना जाता है। लेकिन वर्तमान में गौ हत्या और गौ तस्करी की घटनाओं में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि गौ माता केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। गौ संरक्षण से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रासायनिक खादों और कीटनाशकों के उपयोग में कमी आएगी, जिससे संपूर्ण मानवता लाभान्वित होगी।

गौ रक्षा के लिए संत समाज की भूमिका

संत मसंद साहिब जी ने भारतीय संत समाज, शंकराचार्यों और अन्य धार्मिक गुरुओं के सहयोग से गौ रक्षा आंदोलन को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि देशभर में संत समाज और जनमानस इस आंदोलन में सक्रिय रूप से जुड़ जाए, तो गौ रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

उन्होंने इस अवसर पर यह भी उल्लेख किया कि गौ रक्षा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान से भी जुड़ा हुआ विषय है। गौ माता की रक्षा से भारतीय कृषि व्यवस्था को पुनः समृद्ध किया जा सकता है और इससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी।

दिल्ली में आयोजित परम धर्म संसद में लिया भाग

संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी का दिल्ली आगमन परम धर्म संसद 1008 की बैठक में भाग लेने के उद्देश्य से हुआ। उन्होंने बताया कि यह संस्था विश्वभर के हिंदू समाज के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य कर रही है, जो कि विभिन्न धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर विमर्श करके सनातन संस्कृति को पुनः विश्वगुरु के स्थान पर प्रतिष्ठित करने के लिए कार्यरत है।

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उन्होंने यह भी बताया कि परम धर्म संसद 1008 के तत्वावधान में अब तक सैकड़ों महत्वपूर्ण धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक योजनाएं चलाई जा चुकी हैं, जिनका उद्देश्य भारत को एक बार फिर से अध्यात्म, ज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है।

भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने का संकल्प

संत मसंद साहिब जी ने अपने संबोधन में बताया कि वे पिछले 13 वर्षों से पूज्य शंकराचार्यों और अन्य महान संतों के सहयोग से भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के अभियान में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित शासन व्यवस्था को पुनः स्थापित कर भारत को एक बार फिर से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र बनाया जा सकता है।

उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि जब तक हमारी संस्कृति और परंपराएं संरक्षित नहीं रहेंगी, तब तक भारत की वास्तविक पहचान नहीं बच सकेगी। इसलिए आवश्यक है कि भारतीय समाज अपनी मूल जड़ों की ओर लौटे और अपनी सनातन परंपराओं को पुनर्जीवित करे।

सिंधी समाज ने दिया सहयोग का आश्वासन

इस सम्मान समारोह के दौरान दिल्ली के सिंधी समाज ने गौ प्रतिष्ठा अभियान में अपने सक्रिय सहयोग का भरोसा दिलाया। समाज के अनेक प्रमुख सदस्यों ने कहा कि वे इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने में हरसंभव सहायता करेंगे और गौ माता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रयास करेंगे।

संत मसंद साहिब जी ने इस समर्थन के लिए सिंधी समाज के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि भारतीय समाज को अपनी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।

23 मार्च को कानपुर में होंगे विशेष अतिथि

संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी आगामी 23 मार्च को अमर शहीद हेमू कालानी के जन्मदिवस पर कानपुर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार एवं हेमू कालानी मेमोरियल शिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सिंधु इंटरनेशनल स्कूल, कानपुर में आयोजित किया जाएगा।

हेमू कालानी भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए मात्र 19 वर्ष की आयु में बलिदान दिया था। इस कार्यक्रम में संत मसंद साहिब जी अपने आशीर्वचन प्रदान करेंगे और युवाओं को राष्ट्रभक्ति एवं संस्कृति की रक्षा के लिए प्रेरित करेंगे।

उपसंहार

दिल्ली में आयोजित यह सम्मान समारोह न केवल संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी के योगदान को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय समाज अभी भी अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजोने के लिए तत्पर है।

गौ प्रतिष्ठा अभियान और भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए संत मसंद साहिब जी की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने जिस तरह से सनातन धर्म, गौ रक्षा और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया है, वह समूचे राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक है।

सिंधी समाज और अन्य धार्मिक संगठनों द्वारा दिए गए समर्थन से यह अभियान और अधिक प्रभावशाली रूप से आगे बढ़ेगा। वहीं, 23 मार्च को कानपुर में होने वाला कार्यक्रम राष्ट्रभक्ति और भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

(✍️ मयंक मसंद, प्रवक्ता, मसंद सेवाश्रम, रायपुर)

Ashish Sinha

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