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अबूझमाड़ के विकास को नई दिशा: शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार

अबूझमाड़ के विकास को नई दिशा: शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार

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रायपुर, 20 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र अबूझमाड़ को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार ने व्यापक योजनाएं बनाई हैं। इसी क्रम में अबूझमाड़ के 120 बच्चों ने आज विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वनमंत्री केदार कश्यप से मुलाकात की। ये बच्चे ‘स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत राजधानी रायपुर के शैक्षणिक भ्रमण पर आए थे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों से संवाद किया और कहा कि सरकार अबूझमाड़ के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अबूझमाड़ के हर गांव तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और संचार जैसी बुनियादी सुविधाएं जल्द से जल्द पहुंचाई जाएंगी।

अबूझमाड़: प्रकृति की गोद में बसा लेकिन विकास से वंचित
अबूझमाड़ छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्थित एक दुर्गम क्षेत्र है, जो घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह इलाका नक्सल प्रभावित होने के कारण दशकों तक बुनियादी विकास से दूर रहा। यहां की जनजातीय आबादी मुख्य रूप से माड़िया, मुरिया और गोंड समुदायों से संबंधित है, जिनका जीवन जंगलों और पारंपरिक कृषि पर निर्भर करता है।

हालांकि, हाल के वर्षों में सरकार ने अबूझमाड़ को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। सरकार का उद्देश्य है कि यहां के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसर मिलें, ताकि वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।

शिक्षा: अबूझमाड़ के बच्चों को मिलेगा उज्ज्वल भविष्य
अबूझमाड़ में लंबे समय तक शिक्षा की पहुंच सीमित थी। दूरदराज के इलाकों में स्कूलों की संख्या बेहद कम थी, जिससे बच्चों को पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। इसके अलावा, शिक्षकों की कमी और आधारभूत संरचना की समस्याएं भी एक बड़ी चुनौती थीं।

शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के प्रयास
‘स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत अबूझमाड़ के बच्चों को अन्य जिलों में भ्रमण के लिए भेजा जा रहा है, ताकि वे आधुनिक शिक्षा और तकनीकी सुविधाओं से परिचित हो सकें।
आदिवासी छात्रावासों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिससे दूरदराज के बच्चों को रहने और पढ़ने की सुविधा मिले।
अबूझमाड़ में ई-लर्निंग सेंटर और स्मार्ट क्लासरूम विकसित किए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
गुरुकुल योजना के तहत जनजातीय बच्चों को निःशुल्क आवासीय शिक्षा दी जा रही है।
शिक्षकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा, “आपका उज्ज्वल भविष्य हमारी प्राथमिकता है। सरकार आपके लिए हर संभव सहायता देने के लिए तत्पर है।”

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: अबूझमाड़ में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी अबूझमाड़ में एक गंभीर समस्या रही है। आदिवासी समुदायों को अक्सर इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों का रुख करना पड़ता था।

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अबूझमाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार के प्रयास
अबूझमाड़ में 50 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) खोले जा रहे हैं।
मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड और कुपोषण जैसी बीमारियों के रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
मोबाइल मेडिकल यूनिट्स शुरू की गई हैं, ताकि दूरदराज के गांवों तक इलाज की सुविधाएं पहुंचाई जा सकें।
अबूझमाड़ के युवाओं को आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जा रहा है।
टेलीमेडिसिन सेवाएं शुरू की गई हैं, जिससे विशेषज्ञ डॉक्टरों की राय दूरस्थ क्षेत्रों में भी उपलब्ध हो सके।
बुनियादी ढांचे का विकास: अबूझमाड़ को जोड़ने की पहल
अबूझमाड़ में आवागमन की समस्या भी एक बड़ी चुनौती रही है। घने जंगलों और पहाड़ियों के कारण यहां सड़कें विकसित नहीं हो पाई थीं, जिससे गांवों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना मुश्किल हो रहा था।

सड़क और संचार सुविधाओं का विस्तार
अबूझमाड़ को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 500 किमी से अधिक नई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दूरस्थ गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है।
अबूझमाड़ में मोबाइल टावर और इंटरनेट सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे लोगों को डिजिटल सेवाओं का लाभ मिल सके।
‘नियद नेल्ला नार योजना’ के तहत गांवों में आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम अबूझमाड़ को विकसित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यहां के हर गांव तक सड़क, बिजली, पानी और इंटरनेट की सुविधा पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।”

रोजगार के अवसर: अबूझमाड़ में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम
अबूझमाड़ में रोजगार के अवसरों की कमी के कारण युवाओं को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता था। सरकार ने अब इस दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं।

रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार की पहल
‘वन धन योजना’ के तहत स्थानीय आदिवासियों को लघु वनोपज के उत्पादन और विपणन की ट्रेनिंग दी जा रही है।
बांस और महुआ उत्पादों का वाणिज्यीकरण किया जा रहा है, जिससे आदिवासियों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नए केंद्र खोले जा रहे हैं।
हथकरघा और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देकर आदिवासियों को रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं।
अबूझमाड़ के युवाओं को सरकारी नौकरियों और स्वरोजगार योजनाओं में प्राथमिकता दी जा रही है।
केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में अबूझमाड़ और बस्तर क्षेत्र के विकास को लेकर व्यापक चर्चा हुई। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस क्षेत्र को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही हैं।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “हम चाहते हैं कि अबूझमाड़ के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले और हर परिवार को रोजगार मिले। सरकार आपके साथ खड़ी है और हर संभव सहायता देगी।”

अबूझमाड़ के विकास की नई कहानी
अबूझमाड़ को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की यह पहल आदिवासी समुदायों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। अबूझमाड़ के बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिल रही हैं, जिससे वे अपने क्षेत्र और प्रदेश के विकास में योगदान दे सकें।

सरकार का यह प्रयास इस बात का प्रमाण है कि अबूझमाड़ भी अब बदलाव की राह पर अग्रसर है और जल्द ही एक विकसित समाज का हिस्सा बनेगा।

Ashish Sinha

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