
गार्बेज कैफे बंद करने के फैसले पर कांग्रेस की नाराजगी, पूर्व महापौर ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
गार्बेज कैफे बंद करने के फैसले पर कांग्रेस की नाराजगी, पूर्व महापौर ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
अंबिकापुर। अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुके गार्बेज कैफे को “दिखावा” बताकर बंद करने के निर्णय को कांग्रेस ने निराशाजनक और दुखदायी बताया है। पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि गार्बेज कैफे और स्वच्छता के लिए अपनाए गए कदम केवल दिखावा थे, तो अंबिकापुर को मिले स्वच्छता पुरस्कारों को भी वापस कर देना चाहिए।
स्वच्छता और नवाचार का प्रतीक था गार्बेज कैफे
डॉ. तिर्की ने कहा कि प्लास्टिक उपयोग को हतोत्साहित करने और पुन: उपयोगी प्लास्टिक के संग्रहण को बढ़ावा देने के लिए गार्बेज कैफे की परिकल्पना की गई थी। इस कैफे में एक किलो प्लास्टिक लाने पर भरपेट भोजन और आधा किलो प्लास्टिक के बदले नाश्ता दिया जाता था। इस अनोखे प्रयास की सराहना देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हुई थी।
उन्होंने कहा कि अंबिकापुर की जनता की सक्रिय भागीदारी और ऐसे नवाचारों के चलते शहर ने लगातार स्वच्छता के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए। देश के तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी समेत कई अन्य नेताओं ने अंबिकापुर की इस पहल को सम्मानित किया था।
‘राजनीतिक पूर्वाग्रह के चलते लिया गया निर्णय’
डॉ. तिर्की ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को ये नवाचार इसलिए दिखावा लगने लगे हैं क्योंकि ये कांग्रेस सरकार में शुरू हुए थे। यदि भाजपा को वास्तव में ऐसा लगता है, तो स्वच्छता अभियान में मिले पुरस्कारों को वापस कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित और ओछी सोच का परिणाम है। भाजपा को पुरानी योजनाओं को बंद करने के बजाय अपने नए नवाचारों से अंबिकापुर को फिर से स्वच्छता में शीर्ष पर लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने नवनिर्वाचित महापौर से अपील की कि वे पुरानी सरकार की योजनाओं को बंद कर राजनीति करने के बजाय नए प्रयोग कर शहर को आगे बढ़ाने का काम करें।
कांग्रेस का विरोध जारी रहेगा
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमलावर रुख अपनाया है और संकेत दिए हैं कि गार्बेज कैफे को बंद करने के फैसले के खिलाफ वे आगे भी विरोध जारी रखेंगे।