
इन्वेस्टर कनेक्ट का दावा खोखला, उद्योगों के अनुकूल माहौल देने में भाजपा सरकार नाकाम
इन्वेस्टर कनेक्ट का दावा खोखला, उद्योगों के अनुकूल माहौल देने में भाजपा सरकार नाकाम
साय सरकार में नए उद्योग नहीं आए, पूर्व में संचालित उद्योग भी हो रहे बंद, औद्योगिक विकास घटा, बेरोजगारी बढ़ी
रायपुर, 28 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ में नए निवेश को लेकर सरकार के दावों को खारिज करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि विगत सवा साल में एक भी नया निवेश धरातल पर नहीं उतर पाया है। प्रस्ताव, एमओयू और उद्योग स्थापित होने में फर्क होता है, लेकिन यह सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए केवल खोखले दावे कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की साय सरकार छत्तीसगढ़ में उद्योगों के अनुकूल माहौल बनाने में पूरी तरह विफल रही है, जिसके चलते नए उद्योग लगाना तो दूर, पहले से संचालित कल-कारखाने भी बड़ी संख्या में बंद हो रहे हैं। स्टील और सीमेंट उत्पादन में अग्रणी राज्य होने के बावजूद, सरकार की गलत औद्योगिक नीतियों के कारण स्थानीय उद्यमियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि स्टील उद्योग में छत्तीसगढ़ की प्रतिस्पर्धा ओडिशा और झारखंड से है, लेकिन साय सरकार की नीतियों के चलते राज्य का स्टील उद्योग संकट में है। पिछले एक वर्ष में बिजली दरों में पांच बार बढ़ोतरी की गई, जिससे स्पंज आयरन और रोलिंग मिलों को 7.80 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है, जबकि झारखंड में यह 5 रुपये और ओडिशा में 5.60 रुपये प्रति यूनिट है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोयला, जमीन और पानी सब छत्तीसगढ़ का है, तो यहां के उद्योगों को डेढ़ गुना महंगी बिजली क्यों दी जा रही है?
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की औद्योगिक नीतियों की सराहना
सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में औद्योगिक नीति के तहत कृषि और खाद्य प्रसंस्करण की 540 इकाइयां स्थापित हुईं, 4,200 नए उद्योग लगे और रीपा परियोजना के तहत ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाए गए। राज्य में उद्योग हितैषी नीति लागू कर भूमि दरों में 30% की कटौती, लीज रेंट में 1% की कमी और फ्री होल्ड हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल किया गया।
इसके चलते 13 एथेनॉल प्लांट के लिए रास्ते खुले, जिनमें से पांच तैयार हो चुके हैं। कोंडागांव में मक्का प्लांट, फूड सेक्टर, फार्मास्यूटिकल, डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेनेक्स रेडीमेड, डिफेंस सोलर जैसे क्षेत्रों में उद्योग स्थापित किए गए। कांग्रेस शासन में लगभग 600 नई राइस मिलें बनीं, कृषि, वनोपज और खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया गया, महिला समूहों को उद्यमी बनाया गया और गौठानों को उद्यमिता केंद्र के रूप में विकसित किया गया।
इसी का परिणाम था कि कांग्रेस सरकार में बेरोजगारी दर घटकर 0.1% तक पहुंच गई थी, लेकिन भाजपा सरकार की नीतियों से पिछले सवा साल में 300 राइस मिल और 400 से अधिक स्पंज आयरन व रोलिंग मिलें बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। उद्योगों में छंटनी हो रही है, लेकिन सरकार झूठे दावों से अपनी पीठ थपथपा रही है।
भाजपा सरकार पर संसाधनों को बेचने का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ झूठे वादे करती है, जैसा कि 2004 से 2018 के बीच हुआ था। पावर प्लांट, औषधि खेती और रतनजोत की खेती के नाम पर जमीनों का बंदरबांट किया गया। बस्तर के लोहारीगुंडा में 1,700 किसानों की 4,200 एकड़ जमीन बिना उद्योग लगाए लैंडबैंक में डाल दी गई थी, जिसे कांग्रेस सरकार ने किसानों को निःशुल्क लौटाया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब फिर से वही लूट का दौर लौट आया है। एनएमडीसी का नगरनार प्लांट निजीकरण की ओर बढ़ रहा है, जैसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने बाल्को को बेचा था। भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के जल, जंगल और जमीन पर नजर गड़ाए हुए है और प्रदेश के उद्यमियों को सहयोग देने के बजाय मोदी सरकार के करीबी उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी है।
प्रदेश कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रमों में किए गए बड़े-बड़े दावों के बावजूद, सवा साल में आखिर कितने उद्योग धरातल पर स्थापित हुए हैं?










