
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: 5753 हितग्राहियों ने पक्के घर में रखा कदम, चैत्र प्रतिपदा पर मिला नया आशियाना
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: 5753 हितग्राहियों ने पक्के घर में रखा कदम, चैत्र प्रतिपदा पर मिला नया आशियाना


राजनांदगांव जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 5753 हितग्राहियों को उनके नए पक्के मकान मिले। चैत्र प्रतिपदा हिंदू नववर्ष के अवसर पर आयोजित इस सामूहिक गृह प्रवेश समारोह ने जिलेभर में उत्सव का माहौल बना दिया। विभिन्न गांवों में लाभार्थियों ने विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की, रंगोली बनाई, और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार अपने घरों में प्रवेश किया।
बिलासपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में पूरे प्रदेश में तीन लाख हितग्राहियों का प्रतीकात्मक रूप से गृह प्रवेश कराया गया। यह आयोजन न केवल गरीबों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को भी रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की प्रगति:
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत अब तक राज्य में तीन लाख से अधिक पक्के मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को स्थायी आवास उपलब्ध कराना है।
राजनांदगांव जिले में वर्ष 2016-17 से 2023 तक 27442 मकानों की स्वीकृति मिली, जिनमें से 27055 मकान पूर्ण हो चुके हैं, जबकि शेष 387 मकान निर्माणाधीन हैं। 2024-25 में 29468 मकानों के निर्माण कार्य के लिए पहली और दूसरी किश्त जारी कर दी गई है। इसके तहत अब तक 5753 मकानों का निर्माण पूर्ण कर हितग्राहियों को सुपुर्द किया जा चुका है।
गांवों में उत्सव का माहौल:
गृह प्रवेश को लेकर जिले के गांवों में उत्सवी माहौल देखने को मिला। लाभार्थियों ने अपने घरों को दीपों, बंदनवारों और फूलों से सजाया। द्वार पर रंगोली बनाई गई और पूजा-अर्चना कर विधिवत गृह प्रवेश किया गया।
सरकारी प्रयासों से जरूरतमंद परिवारों को सुरक्षित और स्थायी आवास मिलने से उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। यह योजना न केवल गरीब परिवारों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने तक सीमित है, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।


योजना की विशेषताएँ:
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सभी गरीब परिवारों को पक्का घर: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आवास उपलब्ध कराना इसका प्रमुख उद्देश्य है।
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आधुनिक सुविधाएँ: घरों में शौचालय, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएँ दी जा रही हैं।
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सरकारी सहायता: लाभार्थियों को केंद्र सरकार की ओर से ₹1.20 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में यह सहायता ₹1.30 लाख तक है।
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महिलाओं को प्राथमिकता: इस योजना में मकान का स्वामित्व महिला के नाम पर करने को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का लाभ मिलता है।
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स्वच्छता को बढ़ावा: हर घर में शौचालय निर्माण को अनिवार्य किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को भी गति मिल रही है।
चैत्र प्रतिपदा पर सामूहिक गृह प्रवेश का महत्व:
चैत्र प्रतिपदा हिंदू नववर्ष का पहला दिन होता है और इसे शुभ कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अवसर पर हजारों परिवारों को उनके नए पक्के घरों की सौगात देकर प्रशासन ने नववर्ष को उनके लिए और अधिक मंगलकारी बना दिया।
भविष्य की रणनीति:
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत आवास निर्माण कार्य को तेज गति से पूरा करने की योजना बनाई गई है। प्रशासनिक स्तर पर शेष निर्माणाधीन मकानों को जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को स्थायी आवास उपलब्ध कराया जा सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 5753 हितग्राहियों के सामूहिक गृह प्रवेश का यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह उनके जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा की नई शुरुआत थी। इस योजना ने हजारों परिवारों को एक छत और एक सम्मानजनक जीवन दिया है।
सरकार की प्रतिबद्धता और प्रशासन की तत्परता के चलते यह योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसका प्रभाव न केवल आवासीय सुविधा तक सीमित है, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उत्थान को भी बल मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का उद्देश्य केवल मकान देना नहीं, बल्कि एक आत्मनिर्भर और खुशहाल भारत की ओर कदम बढ़ाना है।