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डेयरी उद्यमिता ने दिखाई कल्पना को आजीविका की नई राह, दूध उत्पादन से प्रतिमाह 40 हजार की हो रही कमाई

प्रभा सिंह यादव/ब्यूरो चीफ/सरगुजा// कई आजीविका गतिविधियो में हाथ आजमाने के बाद कल्पना ने डेयरी उद्यमिता को आजीविका के साधन बनाने की ठानी तो उसे नई राह मिल गई। अब कल्पना के डायरी में 35 दुधारू गाय है जिनसे प्रतिदिन 220 लीटर दूध का उत्पादन होता है । दूध बिक्री से कल्पना को प्रतिमाह 40 से 45 हजार की शुद्ध आमदनी प्राप्त हो रही है। डेयरी संचालन से कल्पना का परिवार खुशहाल है।अम्बिकपुर जनपद के ग्राम चठीरमा निवासी  कल्पना घोष पति रामू घोष ने बताया कि करीब 2 वर्ष पूर्व पशुपालन विभाग के द्वारा डेयरी उद्यमिता योजना अंतर्गत 12 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हुई था। इस राशि से 12 जर्सी गाय खरीदी और घर मे ही डेयरी शुरू किया। डेयरी से उत्पादित दूध को अम्बिकापुर के होटलों में बिक्री किया जाता है। उन्होंने बताया कि अब उनके डेयरी में 35 जर्सी गाय है। ऋण राशि केवल 80 हजार चुकाना ही शेष है।  कल्पना ने बताया कि डेयरी के संचालन से परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है और एक स्थायी आजीविका का साधन मिल गया है। उन्होंने बताया कि उनकी योजना डेयरी को वृहद रूप देना है।उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ एन पी सिंह ने बताया कि डेयरी उद्यमिता के अंतर्गत हितग्राही को 12 लाख रुपये स्वीकृत की जाती है जिसमे 5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा विभाग द्वारा कई योजनाएं संचालित है जिनका लाभ लेकर हितग्राही अपने आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं।

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