
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण: शिक्षा का अधिकार अधिनियम बना आधार
छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार किया जा रहा है। यह प्रक्रिया बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षकों का संतुलित वितरण सुनिश्चित करने के लिए है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का आधार: शिक्षा विभाग
शिक्षकों की संख्या नहीं घट रही, तैनाती को बनाया जा रहा तर्कसंगत
रायपुर, 21 मई 2025। छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा को अधिक प्रभावी, समावेशी और न्यायसंगत बनाने के उद्देश्य से चल रही शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों को लेकर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुरूप है। इसका उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना और शिक्षकों का संतुलित वितरण सुनिश्चित करना है, न कि शिक्षकों की संख्या में कटौती करना।
शिक्षा विभाग का कहना है कि वर्ष 2008 के स्कूल सेटअप की वर्तमान समय में प्रासंगिकता नहीं रही। अब शिक्षा का अधिकार अधिनियम ही युक्तियुक्तकरण का आधार है। अधिनियम के अनुसार 60 छात्रों तक 2 शिक्षकों की व्यवस्था होती है और 150 से अधिक छात्रों वाले विद्यालयों में ही प्रधान पाठक की नियुक्ति होती है। पूर्व स्वीकृत प्रधान पाठकों को अब सहायक शिक्षकों की गिनती में शामिल किया गया है।
बहुकक्षा शिक्षण: व्यवहारिक समाधान
विभाग ने कहा है कि औसतन अधिकांश प्राथमिक स्कूलों में केवल दो कमरे होते हैं, इसलिए बहुकक्षा शिक्षण को अपनाना व्यावहारिक समाधान है। शिक्षकों को इस पद्धति का विधिवत प्रशिक्षण दिया गया है जिससे वे विभिन्न कक्षाओं को एक साथ प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।
राज्य के 30,700 प्राथमिक विद्यालयों में से लगभग 17,000 में छात्र-शिक्षक अनुपात 20 से भी कम है, जिससे स्पष्ट है कि शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है।
60 से कम छात्र संख्या वाली शालाओं को लेकर भ्रम
कुछ संगठनों द्वारा यह आशंका जताई जा रही थी कि 60 से कम छात्रों वाली लगभग 20,000 स्कूल एकल शिक्षक वाले बन जाएंगे। इस पर शिक्षा विभाग ने दो टूक कहा कि इन स्कूलों में दो शिक्षकों की तैनाती की गई है, जिनमें से एक प्रधान पाठक होता है। अतः यह कहना अनुचित है कि ये स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चलेंगे।
समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही उद्देश्य
शिक्षा विभाग ने कहा कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य सभी विद्यार्थियों को समान अवसर और संसाधन उपलब्ध कराना है। यह पूरी प्रक्रिया विधिक और व्यावहारिक मानकों पर आधारित है, जो प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।












