
संजय मल्होत्रा का बड़ा बयान: क्रिप्टो नहीं होगा वैध, RBI ने रुपए की कमजोरी का कारण बताया
RBI Governor Sanjay Malhotra ने क्रिप्टोकरेंसी, रुपए की गिरावट, बैंक मर्जर, CBDC और वैश्विक दबावों पर बड़ा अपडेट दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत क्रिप्टो को वैध मुद्रा नहीं मानेगा और रुपए की कमजोरी का कारण वैश्विक तनाव हैं।
RBI Governor Malhotra Economic Policy Update: क्रिप्टो पर सख्त रुख जारी, रुपए की कमजोरी पर भी दी सफाई
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपने कार्यकाल के पहले वर्ष के पूरा होने से पहले देश की आर्थिक स्थिति, क्रिप्टो नियमन, रुपए की गिरावट, बैंकिंग सिस्टम और वैश्विक दबावों पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था बाहरी झटकों के बीच भी मजबूती से खड़ी है और RBI का लक्ष्य स्थिरता के साथ विकास को संतुलित रखना है।
क्रिप्टो को ‘वैध मुद्रा’ नहीं माना जाएगा
क्रिप्टोकरेंसी पर फिर से सवाल पूछे जाने पर गवर्नर मल्होत्रा ने दोहराया कि:
- भारत की नीतियां “ट्रेंड फॉलो” नहीं करतीं।
- फिलहाल क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा मानने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
- RBI का फोकस सुरक्षित, नियंत्रित और विश्वसनीय डिजिटल करेंसी (CBDC) के विकास पर है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत जैसे संप्रभु देश की आर्थिक नीति अमेरिका या किसी दूसरे देश की दिशा देख कर तय नहीं होती।
रुपया क्यों कमजोर हुआ? RBI की सफाई
गवर्नर ने माना कि पिछले 8 महीनों में रुपए में 4.6% की गिरावट आई है, जो सामान्य से अधिक है। लेकिन इसका कारण घरेलू कमजोरी नहीं, बल्कि—
- जियो-पॉलिटिकल तनाव
- बाहरी आर्थिक दबाव
- वैश्विक टैरिफ नीतियाँ
RBI किसी खास स्तर के रुपए का लक्ष्य नहीं रखता। उसका उद्देश्य सिर्फ अत्यधिक उतार-चढ़ाव रोकना है।
CBDC भारत का भविष्य, लेकिन धीरे-धीरे
गवर्नर मल्होत्रा के अनुसार:
- CBDC पर नागरिकों का भरोसा उतना ही होगा, जितना आज नोटों पर है।
- यह सीमा पार भुगतान को तेज और सस्ता बनाएगा।
- इसकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि अन्य देश इसे कितनी तेजी से अपनाते हैं।
बैंक मर्जर पर RBI का समर्थन
उन्होंने बैंकिंग सिस्टम पर बात करते हुए कहा:
- बड़े बैंक अधिक तकनीक, अधिक सुविधाएँ और सस्ता कर्ज दे सकते हैं।
- सरकार अगर बड़े बैंकों के विलय की योजना लाती है, तो RBI उसका समर्थन करेगा।
- छोटे बैंक भी भारत जैसे विशाल देश के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
भारतीय कंपनियों की बैलेंस शीट पहले से ज्यादा मजबूत
गवर्नर के मुताबिक:
- भारतीय कंपनियों का कैश फ्लो और मुनाफा बढ़ा है।
- कॉर्पोरेट सेक्टर आज पहले की तुलना में कहीं अधिक सक्षम है।
- इससे आने वाले वर्षों में तेज आर्थिक विकास के लिए मजबूत आधार तैयार हुआ है।
अमेरिकी टैरिफ का भारत पर बेहद कम असर
अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ को लेकर गवर्नर ने कहा:
- भारत की निर्यात संरचना इतनी विविध है कि
“ऐसे बाहरी दबाव बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं पहुंचा सकते।” - भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और काफी हद तक आत्मनिर्भर है।
RBI ने विदेशी झटकों से बचाने के लिए उठाए थे बड़े कदम
गवर्नर ने बताया कि:
- RBI ने विदेशी मुद्रा भंडार को पर्याप्त मजबूत रखा।
- रेपो रेट में 1% की कटौती कर स्थिति को स्थिर किया गया।
- इन कदमों से विकास की रफ्तार सुरक्षित बनी रही।












