
शेख हसीना को फांसी की सजा के बाद बांग्लादेश में आगजनी, अवामी लीग ने बंद बुलाया
शेख हसीना को फांसी की सजा के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़की। अवामी लीग ने बंद बुलाया, ढाका में क्रूड बम हमले और Shoot-at-Sight के आदेश जारी।
Sheikh Hasina Death Penalty: बांग्लादेश में बवाल, ढाका में हिंसा चरम पर; अवामी लीग ने दो दिन के बंद का ऐलान किया
ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ मामले में इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल कोर्ट (ICT) द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद पूरे देश में हिंसा और तनाव की स्थिति बन गई है। राजधानी ढाका समेत कई शहरों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
ढाका में झड़पें, क्रूड बम से हमले
पिछले कई दिनों से ढाका और आसपास के इलाकों में क्रूड बम विस्फोट और हिंसक घटनाएं हो रही हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनूस के ग्रामीण बैंक मुख्यालय पर भी क्रूड बम हमला किया गया है।
स्थिति गंभीर होने पर प्रशासन ने देखते ही गोली मारने (Shoot-at-Sight) के आदेश जारी कर दिए हैं।
अवामी लीग ने दो दिन का बंद बुलाया
शेख हसीना को सजा सुनाए जाने के विरोध में उनकी प्रतिबंधित पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने दो दिन का देशव्यापी बंद घोषित किया है। इससे देश के कई हिस्सों में तनाव और बढ़ गया है।
सड़कों पर समर्थक और विरोधी आमने-सामने
फैसले के तुरंत बाद ढाका में हसीना के समर्थक और विरोधी दोनों सड़क पर उतर आए।
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विरोधी गुट फांसी की मांग कर रहा है।
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समर्थक फैसले का विरोध कर रहे हैं।
ढाका के ‘धानमंडी 32’ इलाके में दोनों समूहों के बीच भीषण झड़प हुई। बताया गया कि ढाका कॉलेज के छात्र दो बुलडोजर लेकर इलाके में प्रवेश कर तोड़फोड़ करना चाहते थे, तभी हसीना समर्थकों ने रोकने का प्रयास किया और भिड़ंत शुरू हो गई।
स्थिति काबू से बाहर होती देख पुलिस ने साउंड ग्रेनेड दागे और भीड़ को खदेड़ा।
जुलाई 2024 के ‘स्टूडेंट रिवोल्ट’ की पृष्ठभूमि
जुलाई 2024 में शेख हसीना के खिलाफ छात्र विद्रोह हुआ था।
पुलिस फायरिंग में 1400 लोगों की मौत हुई थी।
इसके बाद हसीना देश छोड़कर भारत आ गई थीं और उनके खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध का मामला दर्ज हुआ था।
अब ICT ने इसी मामले में उन्हें दोषी मानकर सजा-ए-मौत सुनाई है।
देशभर में तनाव चरम पर
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ढाका, चटगांव, राजशाही, सिलहट सहित कई शहरों में प्रदर्शन
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आगजनी, सड़क जाम और पत्थरबाजी की घटनाएँ
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भारी पुलिस बल और सेना की तैनाती
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अंतरिम सरकार हाई अलर्ट पर
स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों की नजर बनी हुई है।












