
शहर के बीच के गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग में पैच रिपेयरिंग का काम शीघ्र शुरू होगा।
शहर के बीच के गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग में पैच रिपेयरिंग का काम शीघ्र शुरू होगा।
अम्बिकापुर/शहर के बीच के गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग में पैच रिपेयरिंग का काम शीघ्र शुरू होगा ।जम जमाव की स्थिति से निपटने के लिए सड़क किनारे नालियों और पुल का निर्माण किया जाएगा।
जिपं उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव,ननि के लोक निर्माण प्रभारी शफी अहमद,जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने राष्ट्रीय राज मार्ग और नगर निगम के अधिकारियों के साथ दरिमा मोड़,देवीगंज और स्कूल रोड़ का निरीक्षण किया। दरिमा रोड़ से भारत माता चौक के बीच जल जमाव को रोकने के लिए पेट्रोल पंप के सामने बॉक्स पुलिया और बड़ी नाली बनाये जाने का निर्देश दिया। प्राकृतिक जल निकासी के रास्ते में हुए अतिक्रमण को हटाने और सड़क के दोनों ओर नाली निर्माण सड़क की ऊंचाई बढ़ाने और आवश्यकतानुसार पुल निर्माण के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।इस काम में नगर निगम निर्माण विभाग के अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग के पदाधिकारियों के साथ एक सप्ताह के भीतर डीपीआर तैयार करेंगे । जल निकासी में आड़े आने वाले निजी भू स्वामियों से भी सहमति ली जाएगी।स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव की पहल पर राष्ट्रीय राजमार्ग के उच्चाधिकारियों से इसके लिए 50 लाख रुपए की सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है। एमएच की सड़कों के पेच रिपेयर हेतु राशि भी आवंटित कर दी गई है शीघ्र पेच रिपेयर का काम शुरू कराया जाएगा प्रारंभिक चरण में एन एच 343 पर गरिमा मोड़ से देवीगंज सदर रोड होते हुए रेलवे स्टेशन तक का पैच रिपेयर कराया जाएगा। इस दौरान ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष विनय शर्मा बंटी, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष दुर्गेश गुप्ता, महामंत्री सैय्यद अख्तर, प्रवक्ता आशीष वर्मा, युंका जिला अध्यक्ष विकल झा, उत्तम राजवाड़े, अविनाश कुमार, राकेश सोनी, ननि के ईई सन्तोष रवि,राज मार्ग के ईई तिवारी सहित ननि और राष्ट्रीय राजमार्ग का अमला मौजूद था।
अतिक्रमण हटा कर खोजेंगे नहर
शहर के बीच से बारिश का पानी की निकासी के लिए बांकी जलाशय से नवागढ़ होते हुए बिलासपुर मार्ग तक जहर वाली माइनर नहर एक बड़ा माध्यम था। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए नहर का उपयोग करते हुए जल निकासी की व्यवस्था करने की बात कही। उनके सुझाव पर नहर की स्थिति का जायजा लेने पहुचा दल यह देख कर हतप्रभ रह गया, नहर का अस्तित्व ही नहीं बचा है। नाराज जनप्रतिनिधियों ने जल संसाधन और राजस्व विभाग के अधिकारियों को नहर का सीमांकन करा उसे कब्जा मुक्त कराने का निर्देश दिया।