
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने धार्मिक आयोजनों पर टैक्स लगाया, कांग्रेस बोली- हिंदू विरोधी फैसला, वापस लें वरना होगा आंदोलन
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने दुर्गा, गणेश पंडाल समेत धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों पर टैक्स लगाने का निर्णय लिया। कांग्रेस ने इसे हिंदू विरोधी और लोकतंत्र विरोधी बताया।
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने धार्मिक आयोजनों पर टैक्स लगाया, कांग्रेस बोली- हिंदू विरोधी फैसला, वापस लें वरना होगा आंदोलन
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने दुर्गा, गणेश पंडाल समेत धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों पर टैक्स लगाने का निर्णय लिया। कांग्रेस ने इसे हिंदू विरोधी और लोकतंत्र विरोधी बताया।
रायपुर, 03 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार द्वारा धार्मिक आयोजनों और राजनीतिक प्रदर्शनों पर टैक्स लगाने का निर्णय विवादों में घिर गया है। युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव विष्णु सिंह देव ने इस फैसले को हिंदू विरोधी और लोकतंत्र विरोधी करार देते हुए कहा कि यह निर्णय जनता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है और भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस का आरोप – ‘धार्मिक परंपराओं पर हमला’
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने नवरात्रि के दौरान दुर्गा पंडाल, गणेश पंडाल, रामनवमी, हनुमान जयंती जैसे आयोजनों पर टैक्स लगाने का फैसला किया है। इसके तहत प्रति वर्ग फुट ₹500 शुल्क और 500 से अधिक क्षमता वाले आयोजनों पर अतिरिक्त टैक्स वसूला जाएगा। विष्णु सिंह देव का कहना है कि यह सीधे-सीधे हिंदू और आदिवासी समाज की आस्थाओं का अपमान है।
सरकार पर गंभीर आरोप – ‘विरोध की आवाज दबाने का षड्यंत्र’
कांग्रेस का दावा है कि भाजपा सरकार न केवल धार्मिक आयोजनों को निशाना बना रही है बल्कि राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों और आदिवासी समाज द्वारा आयोजित सरना पूजा पर भी टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने कहा कि यह सरकार की असफलताओं को छिपाने और जनता का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी जैसी समस्याओं से हटाने की चाल है।
‘अन्यायपूर्ण टैक्स तुरंत वापस लें’ – कांग्रेस की चेतावनी
कांग्रेस ने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। विष्णु सिंह देव ने कहा, “यदि सरकार इस अन्यायपूर्ण टैक्स को वापस नहीं लेती, तो कांग्रेस बड़े पैमाने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।”
भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार हिंदू विरोधी कानून बनाकर धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है। पार्टी ने सभी धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से इस फैसले के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है।