
माउंट आबू: शाही परिवारों ने किया ज्ञान सरोवर व पांडव भवन का भ्रमण, राजयोग ध्यान सत्र से मिली आत्मिक शांति
माउंट आबू में ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय पहुंचे देशभर के शाही परिवार। महाराजा टी.एस. सिंहदेव सहित कई राजघरानों ने राजयोग ध्यान सत्र में भाग लिया और ज्ञान सरोवर, पांडव भवन व दिलवाड़ा मंदिर का भ्रमण किया।
राजा-महाराजाओं ने किया ज्ञान सरोवर, पांडव भवन और दिलवाड़ा मंदिर का भ्रमण
आबू रोड/माउंट आबू। आध्यात्मिक नगरी माउंट आबू रविवार को एक विशेष अवसर का साक्षी बनी। देशभर के विभिन्न शाही परिवारों के सदस्य यहां ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय पहुंचे और राजयोग ध्यान सत्र में शामिल हुए। सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक मनमोहिनी वन के ग्लोबल ऑडिटोरियम में हुए सत्र में महाराजा, महारानी और युवराज सहित शाही परिवार के सदस्य ध्यान और शांति में लीन दिखे।
इसके बाद सभी ने माउंट आबू की प्राकृतिक छटा का आनंद लेते हुए ज्ञान सरोवर परिसर, पांडव भवन और ऐतिहासिक दिलवाड़ा मंदिर का भ्रमण किया। शाही परिवारों ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यहां की पवित्रता और शांति उन्हें आत्मिक ऊर्जा से भर रही है।
ध्यान सत्र का संदेश
अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर राजयोगिनी बीके ऊषा दीदी ने कहा कि जीवन में तीन प्रमुख क्रियाएं हैं— सोचना, बोलना और करना। जब ये तीनों सामंजस्य में हों तो जीवन में सच्ची शांति और आनंद मिलता है। वहीं राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि खुशी हर आत्मा का प्राकृतिक स्वभाव है। यदि हमारे कर्म ऐसे हों जिनसे दूसरों को खुशी मिले, तभी सच्चे जीवन मूल्य स्थापित होते हैं।
आत्मा के सात मूलभूत संस्कार
ध्यान सत्र में बताया गया कि आत्मा में सात मूलभूत गुण— शांति, पवित्रता, प्रेम, शक्ति, ज्ञान और आनंद—निहित होते हैं। राजयोग ध्यान के अभ्यास से ये गुण पुनः जागृत होते हैं और आत्मा अपने मूल स्वरूप की ओर लौटती है।
शाही परिवारों की उपस्थिति
इस मौके पर देश के कई राजघरानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रूप से—
जोधपुर मारवाड़ के महाराजा गज सिंह और महारानी हेमलता राजे
उदयपुर के महाराजा विश्वराज सिंह बहादुर
छत्तीसगढ़ अंबिकापुर के महाराजा एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव
महाराष्ट्र से कैबिनेट मंत्री एवं डोंडाइचा के जयकुमार रावल
बूंदी के महाराव राजा वंशवर्धन सिंह
भरतपुर की महारानी दिव्या सिंह व युवराज अनिरुद्ध सिंह
सिरोही के महाराज देवव्रत सिंह बहादुर
किशनगढ़ की महारानी मीनाक्षी देवी
झालावाड़ के राजा राजेंद्र सिंह राजावत व कुवरानी मरुधर कुंवर
जोधपुर की कुंवर रानी मीरा देवी एवं अभिजीत सिंह राठौड़
सभी को ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से विशेष मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया।
आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि आध्यात्मिक साधना केवल साधारण लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि उच्च शाही परिवारों के लिए भी आत्मिक शांति और प्रेरणा का मार्ग है। माउंट आबू की यह यात्रा शाही परिवारों के लिए न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव रही, बल्कि आत्म-चिंतन और आध्यात्मिक उत्थान का अवसर भी बनी।