
कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान: कार्यकर्ताओं की राय से तय होगा नेतृत्व, सरगुजा पहुंचे वरिष्ठ पर्यवेक्षक
कांग्रेस के संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत सरगुजा में कार्यकर्ताओं से राय-सुमारी की जा रही है। पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष जैसे वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक बनाकर पार्टी ने अभियान की गंभीरता स्पष्ट कर दी है।
कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान: कार्यकर्ताओं की राय से तय होगा नेतृत्व, सरगुजा पहुंचे वरिष्ठ पर्यवेक्षक
कांग्रेस के संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत सरगुजा में कार्यकर्ताओं से राय-सुमारी की जा रही है। पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष जैसे वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक बनाकर पार्टी ने अभियान की गंभीरता स्पष्ट कर दी है।
सरगुजा। कांग्रेस पार्टी का संगठन सृजन अभियान इस बात की पड़ताल है कि कार्यकर्ताओं की पसंद और जमीनी नेतृत्व की ताकत क्या है। इस अभियान के तहत पार्टी का उद्देश्य मजबूत संगठनात्मक ढांचा तैयार करना है, ताकि आगामी चुनावों में स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय और जनाधार के आधार पर संगठन को पुनर्गठित किया जा सके।
पार्टी नेतृत्व की इस प्रक्रिया को लेकर गंभीरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता को सरगुजा और जशपुर जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह निर्णय बताता है कि कांग्रेस हाईकमान संगठनात्मक पुनर्गठन को लेकर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करना चाहता।
पर्यवेक्षक के रूप में आए नेता ने बताया कि संगठन सृजन अभियान के दौरान प्रत्येक ब्लॉक, बूथ और मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं से राय ली जा रही है। यह राय पार्टी की केंद्रीय टीम तक सीधे पहुंचाई जाएगी, ताकि सरगुजा और जशपुर में नेतृत्व का चयन पूरी तरह लोकतांत्रिक और पारदर्शी ढंग से हो सके।
कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंहदेव ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का असली बल कार्यकर्ता हैं, और संगठन सृजन अभियान का मकसद इन्हीं कार्यकर्ताओं को फिर से केंद्र में लाना है। सिंहदेव ने कहा —
“पार्टी का भविष्य उन्हीं हाथों में है जो जमीनी स्तर पर जनता से जुड़े हैं। संगठन सृजन अभियान का संदेश यही है कि हर कार्यकर्ता की आवाज़ सुनी जाएगी।”
संगठन सृजन के इस कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों, ब्लॉक अध्यक्षों, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के प्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी दर्ज की।
कार्यकर्ताओं की राय-सुमारी पूरी होने के बाद, पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेंगे। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट भविष्य में जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठनात्मक नियुक्तियों की दिशा तय करेगी।