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बेंगलुरु।कर्नाटक में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को लेकर राजनीतिक माहौल गर्माता जा रहा है। राज्य के आईटी-बीटी मंत्री प्रियांक खरगे ने आरएसएस पर तीखा हमला बोलते हुए इसे “दुनिया का सबसे गुप्त संगठन” बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि आरएसएस ने खुद को कभी रजिस्टर्ड नहीं कराया, फिर भी इसे सैकड़ों करोड़ रुपये का धन कैसे प्राप्त होता है?
प्रियांक खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीखे सवाल दागते हुए कहा:
“यह दुनिया का सबसे गोपनीय संगठन है। इतनी गोपनीयता क्यों? ये लोग कौन हैं? आरएसएस प्रमुख के संबोधन का सीधा प्रसारण क्यों होना चाहिए? उनका योगदान क्या है? वे मुझे अपने 100 साल के इतिहास में अपने दस योगदान बताएं।”
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उन्होंने आगे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आरएसएस की “कठपुतली” बताते हुए कहा, “अगर आप आरएसएस को हटा दें, तो भाजपा नहीं रहेगी। आरएसएस के बिना भाजपा शून्य है, और धर्म के बिना आरएसएस शून्य है।”
इससे पहले 4 अक्टूबर को मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक पत्र लिखकर यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि आरएसएस सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी शाखाएं चला रहा है, जहां “नारे लगाए जाते हैं और बच्चों व युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जाते हैं।”
खरगे ने पत्र में लिखा कि, “आरएसएस की गतिविधियां संविधान की भावना और भारत की एकता के खिलाफ हैं। सरकारी परिसरों में इस संगठन को अनुमति देना अनुचित है।”
पत्र मिलने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को तमिलनाडु सरकार के फैसले का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं, जहाँ सरकारी परिसरों में आरएसएस की शाखाओं पर रोक लगाई गई है।
सिद्धारमैया के इस बयान से संकेत मिलते हैं कि कर्नाटक सरकार भी सरकारी परिसरों में आरएसएस की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने के कदम पर विचार कर रही है!