
दिल्ली में पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ बच्चों से जुड़े मामलों की सुनवाई अब विशेष अदालतों में होगी
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अब दिल्ली में पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के खिलाफ POCSO और CPCR एक्ट से जुड़े मामलों की सुनवाई विशेष अदालतों में होगी। इससे पारदर्शिता और त्वरित न्याय सुनिश्चित होगा।
दिल्ली में अब पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ बच्चों से जुड़े मामलों की सुनवाई विशेष अदालतों में होगी
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अब पूर्व सांसदों (Ex-MPs) और पूर्व विधायकों (Ex-MLAs) के खिलाफ बच्चों से जुड़े अपराधों और भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई विशेष अदालतों (Special Courts) में की जाएगी।
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद इन अदालतों का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया गया है।
पहले ये अदालतें केवल मौजूदा सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करती थीं, लेकिन अब इनका दायरा पूर्व जनप्रतिनिधियों तक भी विस्तारित कर दिया गया है।
कानूनी प्रावधान
कानून के अनुसार,
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POCSO Act की धारा 28(1) बच्चों से जुड़े अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए हर जिले में विशेष अदालत बनाने का प्रावधान करती है।
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CPCR Act की धारा 25 राज्य सरकार को बच्चों के अधिकारों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित करने का अधिकार देती है।
अदालतों का विस्तार और उद्देश्य
दिल्ली में पहले से ही आठ अदालतें POCSO मामलों की सुनवाई कर रही हैं। अब तीन नई विशेष अदालतों को पूर्व सांसदों और विधायकों के मामलों की भी सुनवाई का अधिकार मिला है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से
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बच्चों से जुड़े अपराधों की सुनवाई में तेजी आएगी,
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राजनीतिक मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
यह कदम दिल्ली हाईकोर्ट के 2020 के आदेश के तहत उठाया गया है। हालांकि, उस समय की केजरीवाल सरकार ने अधिसूचना जारी करने में तीन साल से अधिक की देरी की थी।
अब इन अदालतों में CPCR Act, 2005 और POCSO Act, 2012 के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के खिलाफ भी की जाएगी।