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11000 Cr बैंक फ्रॉड: ED ने मनोज जायसवाल की 67 करोड़ की संपत्ति जब्त की, 800 शेल कंपनियां शामिल

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कॉरपोरेट पावर लिमिटेड के डायरेक्टर मनोज जायसवाल और परिवार की 67.79 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। यह कार्रवाई 11,379 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में की गई, जिसमें 800 शेल कंपनियों का इस्तेमाल हुआ था।

11,000 करोड़ बैंक फ्रॉड: ED ने कॉरपोरेट पावर लिमिटेड के डायरेक्टर्स मनोज जायसवाल की 67 करोड़ की संपत्ति जब्त की

नई दिल्ली/नागपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कॉरपोरेट पावर लिमिटेड (CPL) और उसके प्रमोटरों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, कंपनी के डायरेक्टर्स मनोज जायसवाल और उनके परिवार से जुड़ी 67.79 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई 11,379 करोड़ रुपये (ब्याज सहित) के विशाल बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है।

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क्या है पूरा मामला?

  • मूल शिकायत: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर ED ने CBI की FIR के बाद जांच शुरू की थी।
  • आरोप: कॉरपोरेट पावर लिमिटेड ने अभिजीत ग्रुप के नाम पर झारखंड में 1080 मेगावाट का कोयला आधारित पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए कई बैंकों से लोन लिया था। आरोप है कि कंपनी ने प्रोजेक्ट की लागत गलत बताकर, गलत दस्तावेज़ और फर्जी आंकड़े दिखाकर यह कर्ज हासिल किया।
  • मनी लॉन्ड्रिंग का तरीका: लोन की रकम को 800 से ज्यादा शेल कंपनियों और 5,000 बैंक खातों के जरिए घुमाया और गबन किया गया।
  • परिणाम: कंपनी का खाता 2013-14 में NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) बन गया, जिससे बैंकों को लगभग 11,379 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

जब्त की गई संपत्तियां

ED के नागपुर जोनल ऑफिस ने यह कार्रवाई करते हुए जिन लोगों की संपत्तियां जब्त की हैं, उनमें कंपनी के डायरेक्टर्स मनोज जायसवाल, अभिजीत जयसवाल, अभिषेक जयसवाल और उनके करीबी संतोष जैन शामिल हैं।

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  • संपत्ति का प्रकार: जब्त की गई संपत्तियों में जमीन, बिल्डिंग, फ्लैट, कमर्शियल स्पेस और बैंक बैलेंस शामिल है।
  • स्थान: ये संपत्तियां महाराष्ट्र, कोलकाता, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में फैली हुई हैं।
  • कुल कुर्की: इस नई कुर्की के साथ, ED अब तक इस केस में कुल 571 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच या फ्रीज कर चुकी है।

इससे पहले ED ने नागपुर, कोलकाता और विशाखापट्टनम में कई जगहों पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी का कहना है कि ये सभी संपत्तियां अवैध कमाई (Proceeds of Crime) से खरीदी गई थीं और मामले में आगे की जांच अभी जारी है।

Ashish Sinha

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