
दूषित पानी से परेशान जनता, कांग्रेस ने निगम अधिकारियों पर साधा निशाना
राजनांदगांव में गंदे पानी की सप्लाई को लेकर युवा कांग्रेस ने रानी ज्योतकुवर देवी वाटर प्लांट का घेराव किया। निखिल द्विवेदी और संतोष पिल्ले के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में महापौर का पुतला दहन हुआ और ठेकेदारों की पार्टी का खुलासा हुआ।
राजनांदगांव में गंदे पानी की सप्लाई को लेकर युवा कांग्रेस का हल्ला बोल, वाटर प्लांट में ठेकेदारों की पार्टी का खुलासा
राजनांदगांव। शहर में बीते एक हफ्ते से गंदे पानी की सप्लाई को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ गया है। इसी मुद्दे पर युवा कांग्रेस और कांग्रेस पार्षद दल ने सोमवार को मोहारा स्थित रानी ज्योतकुवर देवी जल संयंत्र (वाटर प्लांट) का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गंदा पानी गिलास में भरकर निगम प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और महापौर मधुसूदन यादव व पूर्व सांसद अभिषेक सिंह का पुतला दहन किया।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि जिस संयंत्र से पूरे शहर को पानी की सप्लाई की जाती है, वहां प्रतिबंधित क्षेत्र में ठेकेदारों की पार्टी चल रही थी, जबकि शहर के कई वार्डों में गंदे और दूषित पानी की आपूर्ति की जा रही है।
प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव निखिल द्विवेदी, नेता प्रतिपक्ष संतोष पिल्ले, नेता उप प्रतिपक्ष मुकेश साहू, पार्षद छोटेलाल रामटेके, पूर्व पार्षद अवधेश प्रजापति, शरद पटेल, गणेश पवार, ऋषि शास्त्री, केशव पटेल, रूपेश साहू, केवल साहू, ईश्वर निषाद, कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु मिश्रा, राजा यादव, सौरभ तिवारी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
गंदे पानी की सप्लाई पर निगम के ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव निखिल द्विवेदी ने कहा कि पूरे शहर में गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिससे लोग डायरिया और पीलिया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा,
“जिस कंपनी ‘तेजस’ को ठेका दिया गया था, वह भाग गई, लेकिन अब तक किसी अधिकारी या ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं हुई।”
द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने “घोषित महापौर मधुसूदन यादव और अघोषित महापौर अभिषेक सिंह” दोनों का पुतला जलाया है।
“जनता को गंदा पानी पिलाने वाले नेताओं और अफसरों को खुद यह पानी पीकर देखना चाहिए।”
नेता प्रतिपक्ष संतोष पिल्ले बोले – निगम में भ्रष्टाचार, जनता पी रही जहर
नेता प्रतिपक्ष संतोष पिल्ले ने कहा कि भाजपा नेताओं की मिलीभगत से ठेकेदार को बचाया गया है ताकि वह 17 लाख रुपए प्रति माह के टेंडर के जरिए निगम को चला सके और सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधियों को फायदा पहुँचा सके।
“जहां जनता गंदे पानी से परेशान है, वहीं प्रतिबंधित क्षेत्र में पार्टी चल रही है। यदि कोई एक लीटर जहर भी पानी में मिलाए तो हजारों लोगों की जान जा सकती है।”
प्रशासन ने मानी लापरवाही, पार्टी रुकवाई
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हल्की झूमाझटकी भी हुई।
नगर निगम के प्रभारी कार्यपालन अभियंता प्रणय मेश्राम मौके पर पहुंचे और कहा —
“जहां गंदे पानी की समस्या थी, वहां समाधान कर दिया गया है। प्रतिबंधित क्षेत्र में पार्टी किसकी अनुमति से हुई, इसकी जांच की जाएगी।”
प्रशासन ने हड़बड़ाहट में मौके पर पहुंचकर ठेकेदारों की पार्टी रुकवाई और उन्हें बाहर भेजा।











