
रेल हादसा बिलासपुर: तकनीकी गलती या मानव त्रुटि? जांच से होगा खुलासा
बिलासपुर में गेवरारोड-बिलासपुर मेमू ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में 11 यात्रियों की मौत और 20 घायल। CRS जांच के आदेश जारी। मुख्यमंत्री ने 5 लाख और रेलवे ने 10 लाख तक की राहत राशि घोषित की। हादसे में लोको पायलट विद्या सागर की मौके पर ही मौत हुई।
बिलासपुर रेल हादसा: CRS जांच के आदेश, 11 की मौत – 20 घायल, जिम्मेदारी पर उठे बड़े सवाल
बिलासपुर, छत्तीसगढ़। मंगलवार शाम को लाल खदान स्टेशन के पास हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। गाड़ी संख्या 68733 गेवरारोड-बिलासपुर मेमू लोकल ट्रेन की टक्कर मालगाड़ी से हो गई, जिससे अब तक 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। हादसा इतना भयावह था कि कई शव क्षत-विक्षत हो गए। रातभर चले राहत और बचाव कार्य के बाद बुधवार तड़के तक ट्रैक को क्लियर किया जा सका और रेल यातायात बहाल हुआ।
मंगलवार शाम लगभग साढ़े छह बजे यह हादसा गटौरा और बिलासपुर स्टेशन के बीच हुआ। बताया जा रहा है कि मेमू ट्रेन ट्रैक बदलने की प्रक्रिया में थी, उसी दौरान विपरीत दिशा से आ रही मालगाड़ी ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मेमू ट्रेन के आगे के दो डिब्बे बुरी तरह पिचक गए।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, सिग्नल या लाइन-स्विचिंग में तकनीकी त्रुटि के कारण यह हादसा हुआ हो सकता है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त (Commissioner of Railway Safety – CRS) स्तर पर जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट से ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि गलती सिग्नल की थी या मानव त्रुटि की।
हादसे के बाद रेलवे और स्थानीय प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। रेस्क्यू कार्य लगभग 10 घंटे तक चला। हैवी क्रेन और गैस कटर की मदद से क्षतिग्रस्त बोगियों को हटाया गया।
रात 3 बजे तक शवों को बाहर निकाला गया और ट्रैक क्लियर होने के बाद मुंबई-हावड़ा रूट पर यातायात बहाल किया गया।
इस हादसे में लोको पायलट विद्या सागर की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों में शामिल हैं —
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विद्या सागर (लोको पायलट)
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प्रमिला वस्त्रकार
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अंकित अग्रवाल
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प्रिया चंद्रा (GGU छात्रा, बहेराडीह, सक्ती)
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शीला यादव (देवरी खुर्द)
बाकी मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
मृतका प्रिया चंद्रा की खबर सुनते ही गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई। शीला यादव के घर देवरी खुर्द में मातम पसरा है।
घायल यात्रियों की सूची में कुल 20 नाम शामिल हैं। इनमें से कई का इलाज बिलासपुर के अपोलो अस्पताल और रेलवे अस्पताल में चल रहा है।
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मथुरा भास्कर (55)
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चौरा भास्कर (50)
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शत्रुघ्न (50)
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गीता देबनाथ (30)
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मेहनिश खान (19)
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संजू विश्वकर्मा (35)
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सोनी यादव (25)
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संतोष हंसराज (60)
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रश्मि राज (34, सहायक लोको पायलट)
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ऋषि यादव (2 वर्ष)
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तुलाराम अग्रवाल (60)
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अराधना निषाद (16)
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मोहन शर्मा (29)
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अंजूला सिंह (49)
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शांता देवी गौतम (64)
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प्रीतम कुमार (18)
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शैलेश चंद्र (49, ट्रेन मैनेजर)
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अशोक दीक्षित (54)
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नीरज देवांगन (53)
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राजेंद्र बिसारे (60)
हादसे के दौरान लोको पायलट विद्या सागर ने ट्रेन रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन टक्कर से पहले ही उनकी मौत हो गई। वहीं सहायक लोको पायलट रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हैं और ICU में भर्ती हैं। ट्रेन मैनेजर शैलेश चंद्र ने समय रहते गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और मुआवजे का ऐलान किया है —
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मृतक के परिजनों को ₹5 लाख
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गंभीर घायलों को ₹50 हजार
रेल मंत्रालय ने इससे अलग घोषणा करते हुए कहा —
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मृतक के परिवार को ₹10 लाख
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गंभीर घायलों को ₹5 लाख
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सामान्य घायलों को ₹1 लाख
हादसे के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज बुधवार को बिलासपुर पहुंचे। उन्होंने रेलवे अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और कहा —
“यह सिर्फ हादसा नहीं, लापरवाही की कीमत है। 11 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? कोयला गाड़ियां प्राथमिकता पर चल रही हैं और यात्री ट्रेनें भगवान भरोसे छोड़ दी गई हैं। छत्तीसगढ़ जोन देश को सबसे ज्यादा आय देता है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था बदहाल है।”
उन्होंने कहा कि “मृतकों को 10 लाख नहीं, 1-1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए, और घायलों को 50-50 लाख रुपए।”
दीपक बैज ने डिप्टी सीएम अरुण साव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें फेल हैं। अगर दोनों ने ध्यान दिया होता तो ऐसी घटना नहीं होती।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) की जांच यह तय करेगी कि गलती कहां हुई — सिग्नल रूम में, स्टेशन पर या नियंत्रण केंद्र में।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि जांच रिपोर्ट 15 दिनों में आने की संभावना है।
स्थानीय यात्रियों का कहना है कि “गाड़ियों की प्राथमिकता में असंतुलन और ट्रैफिक नियंत्रण की गड़बड़ी” लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले तीन महीनों में यह तीसरा बड़ा हादसा है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लगभग 10 घंटे की मशक्कत के बाद अप, डाउन और मिडल लाइन बहाल कर दी गई है। अब मुंबई-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य है। रेलवे ने अगले 48 घंटों के लिए तकनीकी निरीक्षण और ट्रायल रन जारी रखने के निर्देश दिए हैं ताकि आगे ऐसी त्रुटियां न हों।












