
Pune Mundhwa Land Scam: 300 करोड़ की जमीन डील में 3 अधिकारी दोषी, पार्थ पवार क्लीन
पुणे की 300 करोड़ की मुंडवा सरकारी जमीन घोटाले की जांच रिपोर्ट में सब-रजिस्ट्रार रविंद्र तारू सहित तीन लोग दोषी पाए गए हैं। सरकार ने डील रद्द करते हुए कंपनी को 42 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी का नोटिस भेजा। पार्थ पवार का नाम किसी भी दस्तावेज में न होने से जांच में बाहर रखा गया।
मुंडवा जमीन घोटाला: जांच रिपोर्ट में 3 लोग दोषी, सरकार ने 42 करोड़ की वसूली का नोटिस भेजा; पार्थ पवार का नाम नहीं
पुणे के मुंडवा इलाके में स्थित 300 करोड़ रुपये मूल्य की 40 एकड़ सरकारी जमीन को कथित रूप से निजी कंपनी को बेचने और स्टांप ड्यूटी में भारी छूट देने के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है।
संयुक्त इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन (IGR) की तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में सब-रजिस्ट्रार रविंद्र तारू सहित तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।
सरकार ने इस डील को पहले ही रद्द कर दिया था।
अब संबंधित कंपनी अमाडिया एंटरप्राइजेज LLP को 42 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी वसूली के लिए नोटिस भेजा गया है।
कंपनी को सिर्फ 7 दिन मिले जवाब देने के लिए
IGR कार्यालय ने कंपनी को नोटिस भेजते हुए अपना पक्ष रखने को कहा था।
कंपनी ने 15 दिन मांगें, लेकिन विभाग ने केवल 7 दिन का समय दिया।
रिपोर्ट में पार्थ पवार का नाम नहीं — क्यों?
इस डील में अमाडिया एंटरप्राइजेज LLP में पार्थ पवार (Deputy CM Ajit Pawar के बेटे) पार्टनर बताए जाते हैं।
लेकिन जांच रिपोर्ट में उनका नाम इसलिए नहीं आया क्योंकि—
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सेल डीड में कहीं भी पार्थ पवार का नाम नहीं है
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किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में उन्हें शामिल नहीं किया गया
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इसलिए समिति ने उन्हें दोषी नहीं ठहराया
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
“चूंकि पार्थ पवार का नाम किसी भी दस्तावेज में नहीं है, इसलिए रिपोर्ट में उनका उल्लेख नहीं किया गया।”
रिपोर्ट क्या कहती है?
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जमीन सरकारी थी, जिसे बेचा ही नहीं जा सकता था
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इसके बावजूद इसे अमाडिया एंटरप्राइजेज LLP को बेचा गया
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कंपनी को 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी में गलत तरीके से छूट दी गई
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पूरी प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं
पैनल ने तीन लोगों को जिम्मेदार पाया, जिनमें शामिल हैं:
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रविंद्र तारू – निलंबित सब रजिस्ट्रार
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अन्य दो अधिकारी, जो डील की प्रोसेसिंग में सीधे शामिल थे
रिपोर्ट संयुक्त IGR राजेंद्र मुंठे की अध्यक्षता वाली समिति ने
IGR रविंद्र बिनवाडे को सौंपी।
अब इसे पुणे डिविजनल कमिश्नर चंद्रकांत पुलकुंदवार को भेजा जाएगा।
अब आगे क्या?
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राजस्व विभाग
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सेटलमेंट कमिश्नर
की रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है।
तीनों रिपोर्टें अतिरिक्त chief secretary (Revenue) विकास खर्गे को भेजी जाएंगी,
जो सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित 6 सदस्यीय समिति के प्रमुख हैं।











