
मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कांग्रेस का हमला, SIR अवधि बढ़ाने की मांग तेज
कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा SIR अवधि सिर्फ 7 दिन बढ़ाए जाने को अपर्याप्त बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान कटाई, बस्तर की बाढ़, पलायन और दस्तावेजों की दिक्कतों को देखते हुए SIR की अवधि कम से कम तीन माह बढ़ाई जानी चाहिए।
एसआईआर अवधि 7 दिन बढ़ाना अपर्याप्त, कांग्रेस ने 3 माह बढ़ाने की मांग दोहराई
रायपुर/30 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) की समय सीमा को चुनाव आयोग द्वारा सिर्फ 7 दिन बढ़ाने को कांग्रेस ने अपर्याप्त बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पार्टी ने राज्य चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर एसआईआर की अवधि कम से कम तीन माह बढ़ाने की मांग की थी, क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में एक माह या सीमित समय में एसआईआर प्रक्रिया पूरी करना असंभव है।
धान कटाई, बिक्री और बस्तर की बाढ़ ने बढ़ाई दिक्कतें
दीपक बैज ने कहा कि इस समय प्रदेश में धान कटाई और धान खरीदी की प्रक्रिया जारी है।
इसके अलावा बस्तर क्षेत्र में भीषण बाढ़ के कारण लोगों के कई जरूरी दस्तावेज बह गए या खराब हो गए। ऐसे में एक माह की अवधि में एसआईआर पूरा करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा—
“लोगों को दस्तावेज तैयार करने और जमा करने के लिए कम से कम तीन माह का समय दिया ही जाना चाहिए।”
पलायन और नक्सल प्रभावित गांवों की समस्या
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि मनरेगा का काम बंद होने की वजह से बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, जशपुर और बस्तर के कई लोग रोजी-रोटी की तलाश में राज्य से बाहर गए हुए हैं। ऐसे लोगों का एक माह में एसआईआर पूरा कर पाना कठिन है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा:
- बस्तर के 600 से अधिक गांवों के लोग नक्सलवाद के कारण वर्षों से तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में रह रहे हैं।
- इतने कम समय में इन सभी का एसआईआर करवाना संभव नहीं है।
50% फॉर्म भी जमा नहीं, आयोग के दावे सवालों में
दीपक बैज ने बताया कि 26 दिन बीत जाने के बाद भी सिर्फ 50 प्रतिशत मतदाताओं के प्रपत्र भरे और जमा हुए हैं।
शेष 10 दिनों में सभी लोगों तक फॉर्म पहुँचना और जमा होना असंभव है।
उन्होंने आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा—
“आयोग कागजी दावा करता है कि 97% फॉर्म जमा हो चुके हैं, जबकि हकीकत यह है कि बहुत से लोगों तक फॉर्म पहुँचा ही नहीं है।”
चुनाव में तीन साल बाकी, इतनी जल्दबाज़ी क्यों?
कांग्रेस ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अभी तीन साल बचे हैं।
ऐसे में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण तुरंत और सीमित समय में पूरा करवाने की कोई मजबूरी नहीं है। अगर अवधि तीन माह बढ़ा दी जाए तो मतदाताओं को दस्तावेज तैयार करने का पूरा अवसर मिलेगा।











