
अमेरा खदान विस्तार विवाद: कांग्रेस जांचदल पहुँचा परसोढीकला, जबरन अधिग्रहण और पुलिस दमन का आरोप
परसोढीकला गांव में अमेरा खदान विस्तार को लेकर तनाव, ग्रामीणों का आरोप—बिना सहमति जमीन अधिग्रहण, महिलाओं सहित 10 लोग गिरफ्तार। कांग्रेस जांचदल पहुँचा, टी.एस. सिंहदेव ने सरकार पर दमन का आरोप लगाया।
अमेरा खदान विस्तार विवाद: कांग्रेस जांचदल पहुँचा परसोढीकला, जबरन अधिग्रहण और पुलिस कार्रवाई पर ग्रामीण आक्रोशित
अम्बिकापुर। अमेरा कोयला खदान के विस्तार को लेकर बुधवार को ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए तीखे संघर्ष के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमेटी का दल जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में प्रभावित गांव परसोढीकला पहुँचा और ग्रामीणों से मुलाकात कर घटनास्थल की वास्तविक स्थिति जानी।
ग्रामीणों का आरोप: “बिना सहमति जमीन अधिग्रहित, नौकरी का वादा भी अधूरा”
कांग्रेस जांचदल को ग्रामीणों ने बताया कि उनकी जमीन का अधिग्रहण कोल बेयरिंग एक्ट के तहत बिना सहमति किया गया है।
- 15 लोगों को छोड़कर किसी ने मुआवजा नहीं लिया।
- मुआवजा 2016 की दरों पर तय किया गया है, जिसे ग्रामीण अनुचित मान रहे हैं।
- ग्रामीणों के अनुसार, उन्हें जमीन के बदले नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था, परन्तु SECL ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
ग्रामीणों ने जांचदल को बताया कि संघर्ष के बाद करीब 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 7 महिलाएं और एक नाबालिग शामिल है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई ऐसे लोग भी गिरफ्तार कर लिए गए, जो संघर्ष में शामिल ही नहीं थे।
पूरे गांव के विस्थापन का खतरा—कांग्रेस दल की साइट रिपोर्ट
कांग्रेस जांचदल ने पाया कि जिस क्षेत्र में खनन होना है, उसके चारों ओर चौड़ी नाली खोदकर सीमांकन कर दिया गया है।
अधिकारियों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, खदान विस्तार के बाद पूरा परसोढीकला गांव प्रभावित होगा, जिससे ग्रामीणों के जमीन और घर दोनों उजड़ने की आशंका है।
पंचायत भवन के पास ग्रामीण महिलाएँ कांग्रेस दल से बात करते हुए फूट-फूटकर रो पड़ीं। उनका निवेदन था—
“सरकार चाहे फ्री राशन बंद कर दे, महतारी वंदन योजना बंद कर दे, लेकिन हमारी जमीन और घर न उजाड़े।”
जिलाध्यक्ष का वक्तव्य—“मामला अदालत तक जाएगा, हिंसा न करें”
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि
- टी.एस. सिंहदेव इस मामले को न्यायालय में ले जाएंगे।
- पूरे गांव की एकजुटता आवश्यक है।
- ग्रामीण किसी भी प्रकार की हिंसा न करें।
उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा—
“प्रशासन जनता की सेवा के लिए है, कंपनियों के लठैत की तरह व्यवहार न करे।”
उन्होंने गिरफ्तार ग्रामीणों की रिहाई की मांग भी की।
“खनन के नाम पर विनाश”: कांग्रेस नेता राकेश गुप्ता का आरोप
पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से
- अमेरा,
- हसदेव,
- और मैनपाट
क्षेत्रों में खनन के नाम पर स्थानीय लोगों के साथ लगातार अन्याय और प्रकृति का विनाश किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अब जनहित नहीं, पूंजी लाभ बन गया है।
टी.एस. सिंहदेव का हमला—“सरकार अपने ही लोगों पर लाठियां चला रही है”
पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने ट्वीट कर सरकार पर तीखा वार किया—
“सरकार जिनकी प्रतिनिधि है, उन्हीं पर लाठियां बरसा रही है।”
“गुजरात की निजी कंपनी से सरकारी खदान का उत्खनन कराया जा रहा है और विरोध करने वाले ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है—यही गुजरात मॉडल है।”
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के रोजगार और संसाधनों पर बाहरी कंपनियों को कब्ज़ा कराया जा रहा है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
सिंहदेव ने यह भी कहा—
“जनता के हक, जमीन और भविष्य का इस तरह दमन नहीं किया जा सकता।”
पुलिस छावनी में बदला खदान क्षेत्र
जांचदल के अनुसार, खदान क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है।
- 14 बड़े वाहन मिले जिनसे पुलिस बल आया।
- प्रति वाहन लगभग 30 की क्षमता मानें तो
400 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
गांव की ओर जाने वाला पूरा मार्ग पुलिस पहरे में है।
जांच दल में शामिल प्रमुख सदस्य
विक्रमादित्य सिंह,
विनय शर्मा,
अमित सिंह,
मो. इस्लाम,
रामविनय सिंह,
अनूप मेहता,
गुरुप्रीत सिद्धू,
जमील खान,
लोकेश कुमार,
विकल झा,
प्रकाश सिंहदेव,
सौरभ फिलिप,
अविनाश कुमार,
विरेंद्र सिंहदेव आदि।











