
दीपक बैज का बड़ा आरोप: “सरकार उद्योगपतियों की दलाल, किसानों-आदिवासियों पर लाठीचार्ज करवा रही”
कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में किसानों और आदिवासियों की जमीन जबरिया अधिग्रहित की जा रही है। आरक्षक भर्ती परीक्षा, धान खरीदी लिमिट और नक्सल मामलों की समीक्षा पर सरकार को घेरा।
“सरकार क्रूर बन गई है, किसानों-आदिवासियों पर लाठी चलवा रही” — कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज
रायपुर, 11 दिसंबर 2025। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि प्रदेश में किसानों, दलितों और आदिवासियों की जमीनें जबरन अधिग्रहित की जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों के दबाव में उनकी जमीनें छीन रही है और विरोध करने वाले ग्रामीणों पर लाठीचार्ज करवा रही है।
उन्होंने बताया कि खैरागढ़-छुईखदान क्षेत्र में सीमेंट प्लांट के लिए किसानों की जमीन जबरिया ली गई और जब ग्रामीणों ने जनसुनवाई का विरोध किया तो उन पर लाठियां बरसाई गईं।
दीपक बैज ने कहा—
“हसदेव, अमोरा, तमनार, मैनपाट, बीजापुर, बैलाडीला, कांकेर… पूरे प्रदेश में सरकार किसान व आदिवासियों की सहमति के बिना जमीन उद्योगपतियों को दे रही है। यह सरकार उद्योगपतियों की दलाल बन गई है।”
नक्सल मामलों की समीक्षा पर सवाल—“निर्दोष आदिवासियों पर कब फैसला होगा?”
मंत्रिमंडल द्वारा समर्पित नक्सलियों के प्रकरणों की समीक्षा किए जाने के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए बैज ने कहा कि सरकार गंभीर नरसंहारों में शामिल नक्सलियों पर भी रियायत देने की तरफ बढ़ रही है।
उन्होंने सवाल उठाया कि—
- क्या झीरम, ताड़मेटला, रानीबोदली, एडसमेटा जैसी घटनाओं में शामिल नक्सलियों के मामले भी वापस होंगे?
- जिन निर्दोष आदिवासियों को केवल टारगेट पूरा करने के नाम पर जेल भेजा गया, उनके बारे में सरकार क्या फैसला करेगी?
- जिनके खिलाफ चार्जशीट तक दायर नहीं, उनका क्या?
उन्होंने कहा कि निर्दोष आदिवासियों की रिहाई पर पहले निर्णय होना चाहिए।
एसआईआर की समय-सीमा बढ़ाने की मांग
बैज ने कहा कि एसआईआर का अंतिम दिन आज है, लेकिन अभी लाखों नागरिकों का फॉर्म बीएलओ तक नहीं पहुंचा है।
कई लोग रोजी-रोटी के लिए बाहर हैं, उनका एसआईआर नहीं हुआ है।
उन्होंने मांग की—
“एसआईआर अवधि 3 महीने और बढ़ाई जाए, ताकि हर नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सके।”
आरक्षक भर्ती में बड़ा घोटाला — कांग्रेस अध्यक्ष के आरोप
दीपक बैज ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए। उनका दावा—
- एक ही रोल नंबर के 33 अभ्यर्थियों के आवेदन मिले और सभी चयनित हुए।
- 39 अंक पाने वाले अभ्यर्थी का चयन हुआ, जबकि 143 अंक वाला चयनित नहीं हुआ।
- लिखित परीक्षा के अंक तो जारी किए गए पर शारीरिक परीक्षा के अंक सार्वजनिक नहीं किए गए।
उन्होंने कहा—
“सरकार युवाओं के सपने बेच रही है। फॉरेस्ट आरक्षक और अन्य परीक्षाओं में भी भाजपा सरकार घपले कर रही है।”
धान खरीदी पर भी सरकार घिरी—“लिमिट फिक्स से खरीदी ठप”
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि सरकार ने सोसायटियों के लिए प्रति दिन अधिकतम खरीद सीमा (लिमिट) तय कर दी है।
एनआईसी सिस्टम लिमिट पार होते ही कंप्यूटर लॉक कर देता है, जिससे दोपहर बाद सोसायटियों में खरीदी रुक जाती है।
उन्होंने कहा—
“यह लिमिट सिस्टम जानबूझकर लगाया गया है ताकि समर्थन मूल्य पर कम धान खरीदा जा सके।”







