देशब्रेकिंग न्यूज़राज्य

यह खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी : ‘बच्चा सो नहीं रहा था, इसलिए फ्रिज में रख दिया,’ मां का जवाब सुन उड़ गए घरवालों के होश

मुरादाबाद: एक नवजात बच्चे को फ्रिज में रखने की एक मां की दिल दहला देने वाली हरकत ने सबको सकते में डाल दिया है। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रसव के बाद महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक गंभीर मानसिक बीमारी ‘पोस्टपार्टम साइकोसिस’ का भयावह चेहरा है। यह मामला दिखाता है कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की कमी कैसे एक बड़े खतरे को जन्म दे सकती है।

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

क्या हुआ था?

मामला मुरादाबाद के करूला इलाके का है, जहाँ एक 23 वर्षीय महिला ने 15 दिन पहले ही एक बेटे को जन्म दिया था। 5 सितंबर को जब बच्चा लगातार रो रहा था और सो नहीं रहा था, तो उसकी माँ ने एक ऐसी हरकत की, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। वह उसे रसोई में ले गई, फ्रिज में रखा और खुद जाकर सो गई।

सौभाग्य से, जब बच्चे को ठंड लगी, तो वह जोर-जोर से रोने लगा। दूसरे कमरे में सो रही दादी की नींद खुल गई। जब उन्हें फ्रिज के अंदर से रोने की आवाज सुनाई दी, तो वह चौंक गईं। उन्होंने तुरंत फ्रिज खोला और अंदर अपने पोते को देखा। उन्होंने तुरंत बच्चे को बाहर निकाला, जिससे उसकी जान बच गई।

भूत-प्रेत का साया’ नहीं, एक गंभीर बीमारी
जब परिवार वालों ने महिला से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, तो वह गहरी नींद से उठी और बड़ी ही शांति से जवाब दिया, “सो नहीं रहा था, इसलिए रख दिया।”

शुरुआत में परिवार को लगा कि महिला पर किसी “ऊपरी हवा” या “भूत-प्रेत” का असर है। उन्होंने झाड़-फूंक कराने के लिए उसे तांत्रिक के पास भी ले गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में, एक रिश्तेदार की सलाह पर वे उसे एक मनोचिकित्सक (साइकेट्रिस्ट) के पास ले गए।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि महिला पोस्टपार्टम डिसऑर्डर से पीड़ित है और तुरंत उसका इलाज शुरू किया गया। यह घटना उन सभी परिवारों के लिए एक सबक है, जहां नई मां का मानसिक स्वास्थ्य अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।

क्या है पोस्टपार्टम साइकोसिस?

मनोचिकित्सक के अनुसार, यह एक गंभीर मानसिक स्थिति है जो प्रसव के बाद नई माताओं में विकसित हो सकती है। यह सामान्य ‘बेबी ब्लूज़’ या ‘पोस्टपार्टम डिप्रेशन’ से कहीं अधिक खतरनाक है। इस बीमारी से पीड़ित महिला का वास्तविकता से संपर्क टूट सकता है। वह ऐसी चीजें देख या सुन सकती है जो असल में नहीं हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि महिला खुद को या अपने बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, ऐसे मामलों में तुरंत मेडिकल सहायता लेना बेहद ज़रूरी है।

यह घटना दिखाती है कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को भावनात्मक और शारीरिक समर्थन देना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सके।

Ravi

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!