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अंबिकापुर को स्वच्छता के क्षेत्र में फाइव स्टार रेटिंग के साथ ही प्रेरक दौड़ में गोल्ड नगर की उपाधि

अम्बिकापुर : अंबिकापुर को स्वच्छता के क्षेत्र में फाइव स्टार रेटिंग के साथ ही प्रेरक दौड़ में गोल्ड नगर की उपाधि

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अम्बिकापुर 20 नवम्बर 2021अम्बिकापुर शहर ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थिति बरकरार रखते हुए 5 स्टार गार्बेज फ्री सिटी, प्रेरक दौड़ प्रतियोगिता में गोल्ड (अनुपम) नगर, बेस्ट सिटी सेल्फ सस्टेनेबल अवॉर्ड अपने नाम किया। इसके साथ ही 1 लाख से 10 लाख तक की जनसंख्या श्रेणी के स्वच्छ शहरों में देश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। भारत सरकार आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पूरी द्वारा शनिवार को विज्ञान भवन नई दिल्ली में स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के परिणाम घोषित किया गया। महापौर डॉ अजय तिर्की, नगर निगम आयुक्त श्री प्रभाकर पांडेय एवं कार्यपालन अभियंता द्वारा पुरस्कार ग्रहण किया गया। अम्बिकापुर की इस बड़ी उपलब्धि के लिए कलेक्टर संजीव कुमार झा ने नगरवासियों एवं जिले वासियों को बधाई दी है।

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अम्बिकापुर ने स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार पांचवी बार उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि में स्वच्छता दीदियों, नगर निगम के अमले, जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी तथा नगरवासियां के योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में कुल 6000 अंक था जिसमें 2400 अंक डॉक्यूमेंटेशन, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन, 1800 सर्टिफिकेशन, 1800 सिटीजन फीडबैक के लिए था। अंबिकापुर नगर निगम द्वारा तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नालियों के पानी के उपचार हेतु प्राकृतिक पद्धति का प्रयोग कर वाटर रिसाइकलिंग के क्षेत्र में कार्य किया जाता है। उपचारित जल का प्रयोग निर्माण कार्य एवं उद्यानों में किया जाता है। नगर के 36 सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का सुदृढ़ीकरण करके बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई है। स्वच्छता श्रृंगार योजना के माध्यम से समूह की दीदियों को रोजगार के साथ शौचालय संचालन की व्यवस्था की गई। नगर से निकलने वाले मल प्रबंधन हेतु एफएसटीपी प्लांट की स्थापना की गई। नगर के 3000 से ज्यादा परिवारों द्वारा होम कम्पोस्टिंग के द्वारा गीले कचरे का घरों में निष्पादन किया जा रहा है। निगम द्वारा तैयार खाद का विक्रय कर आय अर्जन एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने में भी कार्य किया जा रहा है तथा नगर से निकलने वाले मलबे के प्रोसेसिंग कर विभिन्न उत्पाद तैयार किए जा रहे है।

वर्तमान परिदृश्य – वर्तमान में 18 एसएलआरएम केंद्रों में 470 दीदियां कार्यरत है जो 48 वार्डों से डोर-टू-डोर कलेक्शन कर रहे है। प्रतिदिन 51 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस कर कचरे के विक्रय से प्रतिमाह 5 से 6 लाख रुपये एवं यूजर चार्ज से करीब 15 लाख रुपये इस तरह कुल 20 से 21 लाख रुपये प्रतिमाह आय अर्जित की जा रही है।

Ashish Sinha

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