
नगरीय क्षेत्र में गुमास्ता एक्ट का बड़े व्यापारी कर रहे हैं उल्लंघन
मझले एवं छोटे व्यपारियों ने प्रशासन से की शिकायत
प्रदेश खबर बिश्रामपुर -नगरीय क्षेत्र में गुमास्ता एक्ट का उल्लंघन बड़े व्यापारियों द्वारा लगातार किए जाने व श्रम विभाग द्वारा इस ओर कार्रवाई करने से पीछे पैर खींच लिए जाने से छोटे व्यापारी पशोपेश में है की हम सब अपनी दुकानें खोलें या नहीं।
जानकारी के अनुसार नगर में गुमास्ता एक्ट लगने के कारण शुरुआती दौर में छोटे बड़े व्यापारी अपनी दुकानें शनिवार को बंद कर रखते थे परंतु धीरे धीरे बड़े व्यापारी आधा शटर उठाकर अपना व्यवसाय पूर्व की तरह जारी रखें है जबकि छोटे व्यापारी गुमास्ता एक्ट का पालन करने हेतु अपनी दुकान बंद करके रखते हैं परंतु उन्हें इस बात की मलाल रहती है कि नियम सभी के लिए एक समान होना चाहिए। जबकि छोटे व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर सकते हैं तो बड़े व्यापारियों की इतना बड़ा पेट कैसे हो गया है जिनका पेट भरता ही नहीं है। यदि वे अपनी दुकानें नहीं बंद करेंगे तो हम सब भी नहीं बंद करेंगे यदि उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो हम सब सभी दुकानें खोल कर रखें और श्रम विभाग हम लोगों के खिलाफ कारवाही की तो दो-दो हाथ किया जाए जाएगा या तो इस ओर श्रम विभाग ध्यान दे या हम लोगों के बंदी से छूट दे।
उल्लेखनीय है कि के जिला श्रम विभाग के उपनिरीक्षक द्वारा पिछले माह गुमास्ता एक्ट तोड़ने वाले बड़े व्यापारियों पर कार्रवाई किए जाने पर जमकर हंगामा हुआ था । ग्राम पंचायत शिवनंदनपुर के जनप्रतिनिधियों ने विरोध को सही बताते हुए कहा था कि सभी दुकाने ग्राम पंचायत शिवनंदनपुर के अंतर्गत आती है तो जुर्माना नगर पंचायत क्यों काटेगी या तो श्रम विभाग जुर्माना काटे या ग्राम पंचायत को अनुमति दें। गुमास्ता एक्ट का नगर के बड़े प्रतिष्ठित व्यापारियों द्वारा लंबे समय से उल्लंघन किया जा रहा हैजबकि मध्यम एवं छोटे व्यवसाय हर शनिवार को नियमित दुकाने बंद करते हैं, जबकि गुमास्ता एक्ट को ठेंगा दिखाते हुए व अपनी दुकान बंद करने वाले मध्यमवर्गीय व्यापारियों का मजाक उड़ाते हुए बड़े व्यापारी खुलेआम आधा शटर खोलकर व्यवसाय करते रहते हैं। जिसका मध्यम एवं छोटे व्यापारियों ने श्रम विभाग एवं जिला कलेक्टर से गुमास्ता एक्ट का उल्लंघन करने वालेव्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग लंबे समय से करते आ रहे है । छोटे मध्यम व्यापारियों ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि नगर पंचायत बिश्रामपुर क्षेत्र में गुमास्ता एक्ट लगभग 3 वर्ष पूर्व से लागू है। आम सहमती से श्रम अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी एवं क्षेत्र के व्यापारीगण के साथ संयुक्त बैठक में आम सहमति से लिए गए निर्णय के बाद उक्त एक्ट लागू हुआ था एवं शनिवार के दिन को एकादिनी बन्दी का निर्णय लिया गया था. नगरीय बिश्रामपुर क्षेत्र के 3 किमी के दायरे में मेनमार्केटशिवनंदनपुर, जयनगर, केशवनगर, कुंजनगर, एवं सतपता अंतर्गत आने वाली दुकानो एवं प्रतिष्ठानों का एकादिनी बन्द होना निर्धारित हुआ था. वर्तमान में पिछले कुछ महीनों से बिश्रामपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाली समस्त बड़े दुकान एवं प्रतिष्ठाने हफ्ते के 7 दिन खुल रही है. ऐसे में उक्त दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में काम करने वाले श्रमिकों
एवं कामगारों को एक दिनी अवकाश भी नही मिल पा रहा ह और न ही कोई ओवर टाईम शुल्क भी दुकानदारों द्वारा दिया जा रहा है. जिससे श्रमिकों एवं कामगारों को आर्थिक एवं मानसिक क्षति पहुंच रही है । जबकि शासन ने समय सीमा अंतर्गत हफ्ते में 6 दिन ही दुकान खोलने का आदेश जारी किया है. ऐसे में बिश्रामपुर क्षेत्र में गुमास्ता एक्ट के उल्लंघन होने के साथ-साथ राज्य सरकार के आदेश की भी अवहेलना हो रही है. नगर के बड़े व्यवसाय कर रहे हैं जबकि मध्यम एवं छोटे व्यापारी 200 रूपये जुर्माना के भय से गुमास्ताएक्ट पालन कर रहा है। बड़े व्यापारी द्वारा अपनी दुकानें खोलकर नियम का उल्लंघन लंबे समय से किया जाता रहा है। शिकायत पर गत महीना जिले के श्रम उप निरीक्षक ढोला मणि माझी नगर पंचायत विश्रामपुर के परवेज आलम एवं विश्रामपुर पुलिस के साथ कार्रवाई करने पहुंची थी परंतु उस दौरान नगर के श्री राम मोबाइल, प्रदीप इलेक्ट्रॉनिक , अग्रवाल वस्त्र आंगन, साईं ज्वेलर्स, पुष्पा ड्रेसेस ,हरि ओम हार्डवेयर, चौरसिया स्टोर से 200 रूपये एवं सोना वॉच से 500 रूपये एक उल्लंघन करने पर जुर्माना भी वसूली की गई थी ।इस कार्रवाई का शिवनंदनपुर ग्राम पंचायत के उपसरपंच के के अग्रवाल, पंचों एवं व्यापारियों ने विरोध करते हुए कहा था कि जो व्यापारी गुमास्ता एक्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें या तो ग्रामपंचायत शिवनंदनपुर या श्रम विभाग कार्रवाई करें. इसमें नगर पंचायत की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए. इस संबंध में श्रम विभाग के उप निरीक्षक डोला मणि माझी ने कहा था कि वे हालात से उच्चाधिकारियों को अवगत करायेंगे और उनके मार्गदर्शन पर आगे की कार्यवाही होगी परंतु बीमारी ऊपर एक मां माह से ऊपर गुर्जर जाने के बाद भी शर्म विभाग ने श्रम विभाग ने इस वक्त कोई विचार किया है और वही कोई करवाई जिस कारण से मगर वह छोटे बुद्धम मद्धम व्यपारी मध्यम व्यपारी व्यापारी व्यापारी आज भी गुस्सा पालन करते बड़े व्यापारी आधा शटर उठाकर या दुकान के पीछे से अपना धंधा चालू कर रखे हैं जिस कारण से इन दुकानों में काम करने वाले कामगारों को आर्थिक मानसिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
*युवा व्यापारी चाहते हैं कि शनिवार की दुकानें बंद रहे परंतु बुजुर्गों के सामने विवश है*
इस संबंध में युवा व्यापारियों से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हम युवा चाहते हैं कि शनिवार को दुकानें बंद रहे परंतु बुजुर्गों का यह राय है कि दुकानें बंद करके आवारागर्दी कहां करोगे ।चुपचाप चुपचाप दुकानें खोलो और दुकान में रहो। खाली दिमाग शैतान का आवारागर्दी से अच्छा है कि अपनी दुकान में रहो यही सब कारणों से दुकानें खोलनी पड़ रही है।
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