
28 दिसम्बर 2021 को सफल बनाने के उपाय,अपने नाम से भविष्य एवं सफलता के उपाय जाने।
28 दिसम्बर 2021 को सफल बनाने के उपाय,अपने नाम से भविष्य एवं सफलता के उपाय जाने।
उपाय क्यों करे ?
1-राशिफल पढ़ कर शुभ –अशुभ तो ज्ञात हो जायेगा परन्तु उपाय ही अशुभ की चिंता से (मानसिक एवं व्यवहारिक रूप से ) मुक्त कर सकते हें |
2-दैनिक नियमित देव पूजन से भी अधिक उपयोगी उपाय क्योकि दिन,नक्षत्र , तिथि के देवता जन्य शुभ –अशुभ परिणाम होते हैं ,इसलिए अनिष्ट का नियंत्रण इनके देवताओं से सम्बंधित उपाय करने से ही हो सकता है –
संभावित अनिष्ट का प्रयास प्रतिरोध आवश्यक-
देवाधिदेव शिव का कथन भी है –“प्रयास से अभीष्ट कार्य पूर्ण होते है ।”
सभी उपाय आवश्यक नहीं जो सहज संभव हो उनका प्रयोग करे ।
28 दिसंबर – भविष्य -नाम के प्रथम अक्षर से-
-नाम के प्रथम अक्षर (व्यक्ति,वस्तु,कम्पनी,स्थान का नाम ) वालो के लिए दिन सुख बाधक — सी, सू,से, सो, द, रा, री रू,रे ,रो, ता,ती, तू ते. का, की, कू,घ,ड,छ,के, को, ह. शेष समस्त नाम अक्षर के लिए उत्तम दिन व्यतीत होगा ।
-मिथुन,तुला,कुम्भ राशी को उपाय करना चाहिए ।
दिन दोष उपाय –
कुम्भ राशी / नाम स.श,ग,से प्रारंभ हो उनको निम्न उपाय करना चाहिए-
1-जटामांसी ,मौलश्री लाल पुष्प जल मे मिला कर स्नान करे ।।
2-दान-गुड,मसूर तांबा ,लाल चन्दन युवा पुरुष,
रक्षक,कनेर लाल पुष्प ।
3-दान किसे दे – युवा अवश्यक -लाल बैल,युवा लड़का,कष्ट्रीय,सुरक्षा कर्मी,चौकीदार को दे।।
4- घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं–––कांजी ।
जैन धर्म मंत्र-
ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ।
ॐ ह्रीं मंगल ग्रहारिष्ट निवारक श्री वासु पूज्यजिनेन्द्राय नम।
सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
मम (..अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्व शांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।
ब्रह्माण्डपुराण मन्त्र-
भूमिपुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा।
वृष्टि कृद् वृष्टि हर्ता च पीडां हरतु में कुज: ।।
भूमि के पुत्रमहान् तेजस्वीजगत् को भय प्रदान करने वालेवृष्टि करने वाले
तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल (ग्रहजन्य) मेरी पीड़ा का हरण करें ।।
वेद मन्त्र भौम-
ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।
अपां रेतां सि जिन्वति।। (यजु. 3।12)
तिथि दोष उपाय –
-उपाय अवश्य करे -वृष,कन्या,मीन राशी वाले बाधा नाश के लिए ।
– कांसे के बर्तन,नमक,सिर या शरीर मे तैल,मांस,मसूर,चना,कोदो,शहद,शाक,परवल , लोकी,तोरइ,परवल,पका हुआ या अग्नि पर बना अन्न व्यंजन उत्पाद का प्रयोग नहीं करे।
– गोमूत्र भोजन में शामिल करे ।
कार्य के पूर्व मन्त्र – घर के द्वार पर दीपक रखे |-दक्षिण दिशा में मुह कर -ॐ यमाय नम:।।नमो नारायणाय।धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज। पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते।।
नक्षत्रजन्य दोष शांति के उपाय –
अग्रलिखित के दर्शन,दान,स्मरण,प्रसन्नता एवं पालन पोषण के उपाय उपयोगी कामना पूरक एवं विघ्न नाशक होंगे -देवता: त्वष्टा ;, स्वामी: मंगळ; , वृक्ष: बेल; , प्राणी को भोजन –: वाघ; , तत्व प्रयोग या स्पर्श या प्रयोग – : वायु
ॐ त्वष्टाये नम;। ॐ विश्वकर्मणे नम: । ॐ चित्रायै नमःl
“ॐ सावित्रे नम: । ॐ हस्ताय नमः
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