जिस तरह से प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार पंजाब के कांग्रेस की चन्नी सरकार को बदनाम करने का कोशिश किया यह उचित नहीं है: स्वामीनाथ जायसवाल
नई दिल्ली प्रेस वार्ता में भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी नाथ जायसवाल ने बताया जिस तरह से रैली फेल हो जाने की वजह से प्रधानमंत्री असुरक्षित महसूस करने लगे हैं वह किसान का पीड़ा सुनने के लिए नीचे भी नहीं आए लेकिन अपने देश के ही लोगों से असुरक्षित महसूस करने लगे यह देश का दुर्भाग्य जो जनता उनको चुन कर इस पद पर बैठाया है उन्हीं से उनको डर लगने लगा भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष जायसवाल ने बताया जिस तरह से प्रधानमंत्री जी का दौरा कार्यक्रम बना था उनको कार्यक्रम अस्थल तक हेलीकॉप्टर से जाना था लेकिन आनन-फानन में वह मौसम खराब होने का उनको खुफिया विभाग ने बताया तो उन्होंने 120 किलोमीटर की दूरी का यात्रा कार द्वारा करने को कहा 100 किलोमीटर चलने के बाद महज 15 मिनट की दूरी पर रैली स्थल था जिस तरह से किसान प्रदर्शनकारी अचानक पहुंच गए और मोदी जी एसपीजी सुरक्षा में उनको हर मिनट खुफिया विभाग का रिपोर्ट भी मिलता रहा उनको जब बताया गया रैली स्थल पर 70000 कुर्सियां लगी हुई है लेकिन 700 तक भीड़ नहीं है तो उन्होंने एक नया असुरक्षित महसूस करने का एक नया नारा देकर और पंजाब के दलित मुख्यमंत्री को उनके सुरक्षा अधिकारियों को एयरपोर्ट पर संदेश देने का काम माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि बता देना अपने मुख्यमंत्री को कि मैं मौत से बचकर सुरक्षित निकल गया क्या यह देश की जनता और पंजाब की जनता के साथ आप भ्रम फैलाने का काम नहीं कर रहे हैं या देश आप के बलबूते पर सुरक्षित महसूस करता है आप इन्हीं के ऊपर थोपने का काम जो कर रहे हैं या देश के लिए ठीक नहीं है और कोई सुरक्षा व्यवस्था में राजनीति नहीं होनी चाहिए आप देश के प्रधानमंत्री है आपको सुरक्षा और देना सरकारों का काम है लेकिन आपके पास अचानक प्रोग्राम बना देने से और लोगों को भ्रमित करने से और आप की सुरक्षा व्यवस्था एसपीजी होने के बाद भी आपने जिस तरह से कांग्रेस सरकार को बदनाम आपके भाजपा के प्रवक्ता और नेताओं द्वारा कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश की गई इसका मैं घोर निंदा करता हूं और कुछ विशेष मुद्दों पर मैं चर्चा करते हुए आगे पत्रकार बंधुओं के समक्ष रख रहा हूं
1. प्रधानमंत्री की सुरक्षा-व्यवस्था का दायित्व राज्य सरकार का नहीं, बल्कि एसपीजी (SPG) का होता और इस केंद्रीय सुरक्षा ऐजेंसी से सुरक्षा प्राप्त हर व्यक्ति का रूट चार्ट एसपीजी की निगरानी में होता है। इससे वीवीआइपी के पूरे रास्ते में एसपीजी के लोग अपने हिसाब से सुरक्षा घेरा बनवाते हैं। तो क्या कल एसपीजी ने ऐसा नहीं किया? और यदि नही किया तो क्यों नही किया और नही करने के कारण एसपीजी के प्रमुख और गृहमंत्री से इस्तीफा कब लिया जाएगा?
2. कल फीरोजपुर में जहां किसानों ने रास्ता रोका, वह क्षेत्र राज्य सरकार की पुलिस के अंतर्गत आता ही नही क्योंकि मोदी सरकार की ‘दखलदांजी नीति’ के कारण हाल ही में बॉर्डर क्षेत्र के 50 किमी. क्षेत्र को BSF की निगरानी में दे दिया गया है और वह रास्ता बॉर्डर के 10 किमी. दूरी पर है तो क्या केंद्र सरकार मानती है कि BSF ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा क्षेत्र की निगरानी नही की और यदि ऐसा है तो BSF के मुखिया होने के नाते गृहमंत्री इस्तीफा देंगे?
3. प्रधानमंत्री को हेलीकॉप्टर से 112 किमी. की दूरी तय करनी थी मगर उन्होंने अचानक ही कार में जाने का फैसला आखिर किसकी सलाह पर लिया और क्या 112 किमी. सड़क को बिना पूर्व सूचना के सुरक्षाकर्मियों द्वारा घेर पाना सम्भव है? जबकि केंद्र सरकार भी यह जानती है कि पंजाब में किसान मोदी के विरोध में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
4. IB की इंटेलिजेंस कहाँ थी? क्या वह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में होने वाली चूक को पहले नहीं भांप पाई और यदि IB को पूरे घटना की जानकारी नहीं हो सकी तो क्या IB के मुखिया के रूप में गृहमंत्री इस्तीफा देंगे?
5. भाजपा के साथी और मंत्री जो सवाल पंजाब की चन्नी सरकार से कर रहे हैं वे असल में उन्हें गृहमंत्री से करने चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में अगर चूक हुई है तो उसके लिए SPG, BSF तथा IB जिम्मेदार है और ये तीनों ही ऐजेंसियां गृहमंत्री के अंतर्गत आती हैं। तो इस असफलता के लिए गृहमंत्री कब इस्तीफा देंगे? अपनी गलती दूसरे पर थोपने का काम अक्सर भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की है यह देश की दुर्भाग्य है कि उनके बातों पर विश्वास करके जिस तरह से जनता बार-बार फस जाती है लेकिन आप जागरूक जनता जवाब देगी स्वामीनाथ जयसवाल