गरियाबंदछत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य

जिले में नशीली पदार्थो के रोकथाम के जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न

जिले में नशीली पदार्थो के रोकथाम के जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न

WhatsApp Image 2025-10-31 at 2.58.20 PM (1)
WhatsApp-Image-2025-10-31-at-2.41.35-PM-300x300

गरियाबंद/जिले में स्वापक औषधि मनः प्रभावी पदार्थो या नशीली पदार्थो के प्रभावी नियंत्रण के लिए आज कलेक्टर सभाकक्ष में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिले के प्रभारी सचिव हिमशिखर गुप्ता वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

बैठक में कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने जिले में नशीली पदार्थो के प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित कर रोकथाम की कार्यवार्ही के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में सक्रियता के साथ नशीली दवाईयों के रोकथाम के लिए कार्यवाही की जा रही है। साथ ही चेकपोस्ट, बैरियरों के द्वारा सघन निगरानी कर संदिग्ध वाहनों की भी जांच की जा रही है। प्रभारी सचिव गुप्ता ने कहा कि अंतर्राज्यीय बस ट्रांसपोर्ट एवं वाहनों की आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जाए।

लक्जरी वाहनों में नशीली दवाईयों की सप्लाई की भी संभावना रहती है। ऐसे सभी संदिग्ध वाहनों की बैरियर में निगरानी रखकर रेण्डम चेकिंग की जाए। प्रभारी सचिव ने नशीली पदार्थो के बारे में जागरूकता लाने एवं लोगों को इसके दुरूपयोग से दूर रहने के लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।

mantr
66071dc5-2d9e-4236-bea3-b3073018714b

कलेक्टर अग्रवाल ने बताया कि जिले में नशा के खिलाफ लोगों को जागरूक करने विभागों के समन्वय से नशामुक्त अभियान चलाया जा रहा है। इसमें स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थी सहित स्वयं सेवी संस्थाओं को भी शामिल किया जा रहा है। इस दौरान बैठक में डीएफओ लक्ष्मण सिंह एवं वरूण जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र चन्द्राकर, सहायक ड्रग कन्ट्रोलर संजय राजपूत सहित समन्वय समिति के सदस्यगण शामिल हुए।

बैठक में सहायक ड्रग कन्ट्रोलर ने बताया कि नार्कोटिक्स एवं साईकोट्रॉफिक्स दवाईयां विशेष रूप से मरीजों के इलाज के लिए सीमित रूप में उपयोग की जाती है। यह दवाईयां केवल चिकित्सक के सलाह पर ही दी जाती है। इन दवाईयों को नशे के रूप में दुरूपयोग भी की जाती है। इससे लोगों को बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि नशीली पदार्थो के रूप में उपयोग की जाने वाली दवाईयों में कोडीन फॉस्फेट कफ सिरप, डायजेपाम गोलियाँ, नाईट्राजेपाम टेबलेट, अल्प्राजोलम टेबलेट, ट्रॉमाडोल टेबलेट, पेंटाजोसिन इंजेक्शन, ब्यूप्रेनोर्फिन इंजेक्शन, ब्यूटोर्फिनॉल इंजेक्शन एवं डेक्सट्रोप्रोपॉक्सीफिन केप्स्युल शामिल है। उन्होंने इन दवाईयों को बिना डॉक्टर के सलाह के नहीं लेने की अपील की है।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)
WhatsApp-Image-2025-09-23-at-1.09.26-PM-300x300
IMG-20250923-WA0360-300x300
WhatsApp-Image-2025-09-25-at-3.01.05-AM-300x298
BackgroundEraser_20250923_132554448-1-300x298
WhatsApp Image 2025-11-23 at 11.25.59 PM

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!