छत्तीसगढ़जगदलपुरताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य

बस्तर ओलंपिक-युवाओं के साथ महिलाएं भी दिखा रहीं अपनी प्रतिभा

बस्तर ओलंपिक-युवाओं के साथ महिलाएं भी दिखा रहीं अपनी प्रतिभा

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

अंदरूनी ईलाके के प्रतिभागियों को मिला प्रतिभा दिखाने का सुअवसर

जगदलपुर/प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने सहित उनकी खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस अनूठी पहल का उद्देश्य पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना, खेल प्रतिभाओं को पहचानना और उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर उनके विकास का मार्ग प्रशस्त करना है। गांव-गांव से सीधे विकाखण्ड स्तर पर खेलने आये लोगों में उल्लास और जोश का संचार कर रहा है, जिसमें बच्चे, बड़े, महिलाएं और बुजुर्ग सभी बड़े उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे हैं। बस्तर ओलंपिक में कबड्डी, ऊंची कूद, लंबी कूद, रस्साकसी, खो-खो, फुटबाल, व्हालीबाॅल और तीरंदाजी जैसे खेल विधा शामिल किए गए हैं। इन खेलों का आयोजन न केवल बच्चों और युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है बल्कि महिलाओं और बुजुर्गों में भी जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। वर्तमान में बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में बस्तर ओलम्पिक 2024 का आयोजन से बड़ी संख्या में युवाओं के साथ ही आम नागरिक उत्साहपूर्वक हिस्सा ले रहे हैं। जिसमें करीब एक लाख 70 हजार से अधिक खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है।

परंपरागत खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर दिखा रहे हैं दमखम

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

बस्तर ओलंपिक में स्थानीय खेलों को विशेष महत्व दिया गया है। इनमें कबड्डी, खो-खो, तीरंदाजी, और विभिन्न ग्रामीण खेल शामिल हैं, जो स्थानीय युवाओं की संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इन खेलों में भाग लेकर युवा अपनी परंपराओं को आगे बढ़ा रहे हैं और अपनी जड़ों से जुड़े रह रहे हैं। बस्तर जिले के दरभा विकासखण्ड अंतर्गत चिंगपाल में आयोजित खण्ड स्तरीय बस्तर ओलम्पिक स्पर्धा में अंदरूनी दूरस्थ क्षेत्र मुण्डागढ़ निवासी युवक शोभाराम नाग ने सीनियर वर्ग तीरंदाजी में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रथम स्थान हासिल किया और अब जिला स्तरीय बस्तर ओलम्पिक में अपनी श्रेष्ठतम प्रदर्शन करने संकल्प व्यक्त करते बताया कि खेती-किसानी से जुड़े परिवार का होने के कारण स्वयं गांव में ही अभ्यास जारी रखा है। अब पहली बार पुरस्कार मिलने से वह उत्साहित है और निरंतर अभ्यास के द्वारा खुद के क्षमता में सुधार करने के साथ बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रयास करेगा। इसी तरह सुदूर ईलाके पखनार की ग्रामीण महिला कमली ने सीनियर वर्ग 100 मीटर दौड़ में पहला स्थान अर्जित करने पर कहा कि अब अभ्यास के लिए और ज्यादा ध्यान देंगी। वहीं पखनार के ही मनीराम ने सीनियर वर्ग लम्बी कूद में प्रथम स्थान हासिल करने पर खुशी जताते कहा कि अब जिला स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। इन खिलाड़ियों के साथ ही उक्त क्षेत्र के अन्य युवाओं ने भी विभिन्न खेल विधा में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर अपनी श्रेष्ठता साबित की। ज्ञात हो कि बस्तर जिले के दरभा विकासखण्ड अंतर्गत उक्त दूरस्थ ईलाके पहले धुर माओवाद प्रभावित क्षेत्र थे लेकिन अब सुरक्षा बलों के कैम्प खुलने से सड़क, बिजली, पेयजल, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास से इन क्षेत्रों में बदलाव की बयार बह रही है और लोग समाज की मुख्यधारा में जुड़कर प्रदेश की विकास में सहभागिता निभा रहे हैं।

संभावनाओं के नए द्वार के लिए खिलाड़ियों को मिला प्रोत्साहन

बस्तर ओलंपिक के आयोजन से न केवल खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा है, बल्कि उन्हें कैरियर के नए अवसर के लिए प्रोत्साहन भी मिला है। खेलों के इस आयोजन में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न स्तरों पर आगे बढ़ने का अवसर दिया जाएगा, जिससे वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपने खेल कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे।

बस्तर ओलंपिक एक नई सुबह की तरह है, जो बस्तर के युवाओं को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान कर रहा है। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया है कि खेल न केवल शारीरिक या मानसिक लाभ देता है, बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए भी सार्थक पहल साबित हो रहा हैं।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!