
प्रिंटरिच वातावरण निर्माण से बच्चों के लिए उनके गाँव की दीवारें बनी खुली किताबें
सूरजपुर (10 अप्रैल 2021) – शासकीय प्राथमिक शाला झारपारा (पम्पापुर) में राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में हर गाँव – प्रिंटरिच गाँव और हर वार्ड – प्रिंटरिच वार्ड की थीम पर बच्चों के लिये उनके घर के आसपास के परिवेश में विद्यालय जैसा वातावरण निर्माण करने के उददेश्य से गांव के घरों की दीवारों, गलियों, चौराहों तथा मंदिर की दीवारों में प्रिंटरिच वातावरण निर्माण कराया गया। शिक्षक गौतम शर्मा ने बताया कि जैसे ही उन्हें राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ के चर्चा पत्र के माह फरवरी 2021 अंक के माध्यम से ” हर गांव – प्रिंटरीच गांव, हर वार्ड – प्रिंटरीच वार्ड ” के बारे में पता चला तो उन्होंने इस थीम पर कार्य करना शुरू कर दिया। सबसे पहले इन्होंने प्रिंटरिच वातावरण निर्माण कराने के लिए समुचित स्थान के चयन करने हेतु शाला प्रबंध एवं विकास समिति के सदस्यों से सम्पर्क कर सहयोग लिया। इसके बाद शासकीय प्राथमिक शाला झारपारा के विद्यालय क्षेत्र अंतर्गत चयनित स्थानों पर कक्षानुसार ज्ञानवर्धक चित्र बनवाएं, जिसमें वर्णमाला, अल्फाबेट, मात्रा एवं उनके रूप, आज की ताजा खबर, प्रमुख विराम चिन्ह, पर्यायवाची शब्द, गिनती, पहाड़ा, सप्ताह के नाम, महीनों के नाम, गणित के महत्वपूर्ण चिन्ह इत्यादि शामिल है। बच्चे अपने आसपास रोचक और ज्ञानवर्धक पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो जाने से काफी उत्साहित है । बच्चों के लिए अब उनका पूरा गांव ही एक खुली किताब की तरह बन गया है । गांव के जिस भी गली से बच्चे गुजरते हैं, दीवारों पर बने शैक्षणिक पेंटिंग को देखकर उनके चेहरे खिल उठते हैं और वहाँ से आते – जाते उसे देखकर बार – बार दोहराते है। गाँव के घरों की दीवारों पर प्रिंटरिच वातावरण निर्माण से बच्चों को काफी ज्यादा लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही आज की ताजा खबर के माध्यम से शिक्षकों के द्वारा एक अच्छी पहल की गई है । रोजाना के खास समाचार को इस पर लिखा जाता है, जिसे ग्रामीण पढ़कर काफी खुश हो रहे हैं, क्योंकि इसके माध्यम से उन्हें रोजाना की महत्वपूर्ण खबरों की जानकारी आसानी से मिल रही है। प्रिंटरिच वातावरण निर्माण कार्य हेतु राज्य कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ द्वारा प्रत्येक विद्यालय को प्रचार – प्रसार हेतु जारी 1500 रूपये की राशि के साथ युवा एवं ईको क्लब की राशि का भी उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया है। इस कार्य में विद्यालय के शिक्षक राजेन्द्र जायसवाल, शाला प्रबंध एवं विकास समिति के सभी सदस्यों, पालकों, ग्रामीणों, पेन्टर गजेन्द्र मराबी व जागर सिंह का विशेष सहयोग रहा।