ताजा ख़बरेंदेशब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य

वन अधिकार पत्र धारकों और विशेष रूप से जनजातीय समूह को मिले विभागीय योजनाओं का लाभ

रायपुर : वन अधिकार पत्र धारकों और विशेष रूप से जनजातीय समूह को मिले विभागीय योजनाओं का लाभ

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

जिलों के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, सीईओ, जनपद पंचायत, एपीओ को निर्देश

आदिम जाति विभाग और मनरेगा की वर्चुअल संयुक्त बैठक

वन अधिकार पत्र धारकों एवं विशेष रूप से जनजातीय समूह को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जिलों के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, मनरेगा के परियोजना अधिकारी एवं सहायक परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए गए। वन अधिकार पत्र अधिनियम, 2006 एवं नियम 2007 (यथा संशोधित नियम 2012) के उचित क्रियान्वयन के संबंध में आज मंत्रालय, महानदी भवन में वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। यह बैठक वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत वन अधिकार पत्र धारकों को उनके भूमि विकास एवं अन्य विभागीय योजनाओं से अभिसरण करते हुए कार्ययोजना निर्माण एवं कार्य स्वीकृति के संबंध में आयोजित की गई।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

बैठक में आयुक्त आदिम जाति विभाग श्रीमती शम्मी आबिदी, आयुक्त मनरेगा मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने बैठक में इस वित्तीय वर्ष में वितरित व्यक्तिगत् वन अधिकार पत्र धारकों को मनरेगा के तहत् लक्ष्य निर्धारित करते हुए चरणबद्ध तरीके से कार्य स्वीकृत किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में जिन 17 जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह निवासरत हैं और उन्हें वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं, उन्हें भी मनरेगा से जोड़ते हुए उनके आजीविका संवर्द्धन पर अभिसरण के माध्यम से कार्य कराए जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए। इसके अलावा सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्राप्त ग्रामों में भी गठित सामुदायिक वन संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन समिति, इन ग्रामों में गठित क्लस्टर लेवल फेडरेशन के माध्यम से सामुदायिक वन संसाधन क्षेत्र पर मनरेगा के तहत स्वीकृत सामुदायिक कार्यों के लिए प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में वन अधिकार पत्र धारकों को उनके भूमि विकास एवं अन्य विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ दिलाए जाने के उद्देश्य से आदिम जाति विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग को समन्वित रूप से कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया। उल्लेखनीय है कि इस महत्वपूर्ण कार्य में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) द्वारा एकत्रित सर्वेक्षित आकडे़ भी जिलों को उपलब्ध कराए गए हैं। वर्चुअल बैठक में आयुक्त मनरेगा, मोहम्मद कैसर अब्दुलहक एवं आयुक्त, आदिम जाति विभाग, श्रीमती शम्मी आबिदी ने भी वन अधिकार अधिनियम के उचित क्रियान्वयन के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!