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भौगोलिक सीमाओं में किसी भी तरह के विस्तार में मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है: उपराष्ट्रपति धनखड़

भौगोलिक सीमाओं में किसी भी तरह के विस्तार में मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है: उपराष्ट्रपति धनखड़

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नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर/ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि किसी भी तरह के विस्तार व विशेषकर भौगोलिक सीमाओं के विस्तार में मानवाधिकारों का उल्लंघन शामिल होता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर भारत कभी इस तरह की नीति में विश्वास नहीं करता है।.

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के स्थापना दिवस पर यहां आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय लोकाचार ऐसा है कि देश की चिंता सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया की परवाह करता है।.

Ashish Sinha

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