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विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को विकास के मुख्यधारा में लाने शासन लगातार कार्य कर रही-मंत्री मोहम्मद अकबर

कवर्धा : विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को विकास के मुख्यधारा में लाने शासन लगातार कार्य कर रही-मंत्री मोहम्मद अकबर

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केबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ग्राम नेवारी में आयोजित आदिवासी समाज के कार्यक्रम में हुए शामिल

आदिवासी समाज के सामुदायिक भवन के लिए 5 लाख रुपए और कृष्णा डंडा पार्टी को 25 हजार रुपये देने की घोषणा की

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प्रदेश के वन, परिवहन, आवास, पर्यावरण, विधि विधायी तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री आज कवर्धा विकासखंड के ग्राम नेवारी में आयोजित आदिवासी समाज के कार्यक्रम मे शामिल हुए। केबिनेट मंत्री अकबर के कार्यक्रम में पहुंचने पर समाज के लोगों ने अभूतपूर्व स्वागत और अभिनंदन किया गया। मंत्री अकबर ने कार्यक्रम के दौरान आदिवासी समाज के सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा की। ग्राम नेवारी में सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम के दौरान कृष्णा डंडा पार्टी के मांग पर मंत्री अकबर ने कृष्णा डंडा पार्टी को 25 हजार रुपये देने की घोषणा की। मंत्री अकबर ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर नीलकंठ चंद्रवंशी, क्रेडा सदस्य कन्हैया अग्रवाल, कलीम खान,जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि होरी साहू, पिपरिया नगर पंचायत अध्यक्ष महेन्द्र कुम्भकार, मंडी अध्यक्ष नीलकंठ साहू, पार्षद अशोक सिंह, दुखहरण सिंह ठाकुर, लेखा राजपूत, गोपाल चंद्रवंशी आदिवासी समाज से मिलाप नेताम, हजारी मरकाम, उमेंद सिंह, शत्रुहन, नजरू, अशोक सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
केबिनेट मंत्री अकबर ने कहा की विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के बाद पहली बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्ववाली छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के शिक्षित युवक-युवतियों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में शासकीय सेवक के रूप में भर्ती करने का निर्णय लिया है। इस दिशा में कार्यवाही भी शुरू हो गई। राज्य सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय से प्रदेश के हजारों विशेष पिछड़ी जनजाति के सौकड़ों शिक्षित युवक-युवतियों को प्रत्यक्ष लाभ मिला रहा है। जिले के 80 बैगा युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया हैं। अब वे शासकीय नौकरी करेंगे।
मंत्री अकबर ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की 4200 एकड़ जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा के लिए समिति का गठन, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार का निर्णय, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना और यहां आदिवासी विकास प्राधिकरणों में स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति से आदिवासी समाज के लिए बेहतर काम करने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने कहा है कि आदिवासी समाज की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाओं से उनका जीवन अधिक सरल हो सका है। तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा करने, 65 तरह के लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर संग्रहण और विक्रय के साथ ही इनका स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन से हजारों आदिवासियों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य सरकार ने वन अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर अधिकार को मजबूत किया है। वन अधिकार पट्टों के मिलने से हजारों आदिवासियों की आवास और आजीविका की चिंता दूर हुई है। उन्होने कहा कि आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आदिवासी संस्कृति का परिचय देश-दुनिया से कराने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसे आयोजनों की शुरूआत की गई है। विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। देवगुड़ियों और घोटुलों के संरक्षण और संवर्धन से आदिम जीवन मूल्यों को सहेजने और संवारने का काम राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इससे लोगों को आदिवासी समाज की परंपराओं और संस्कृतियों को समझने का अवसर मिला है।

Ashish Sinha

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