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संस्कार भारती रामानुजगंज इकाई द्वारा विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ संपन्न……….

कड़कड़ाती ठंडी में उमड़ा जनसैलाब............. सुरेंद्र दुबे सहित अन्य कवियों ने बांधा समा.............

संस्कार भारती रामानुजगंज इकाई द्वारा विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ संपन्न……….

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ब्यूरो चीफ/सरगुजा// कला साहित्य एवं रंगमंच को समर्पित संस्था संस्कार भारती छ0ग0 ईकाई द्वारा नगर के स्थानीय लरंगसाय कम्युनिटी हॉल में विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे सहित पांच अन्य कवियों का आगमन हुआ।  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रामविचार नेताम पूर्व गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, अध्यक्षता कमलेश कुंदन क्षेत्रीय प्रबंधक ग्रामीण बैंक एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में गिरिनाथ सिंह पूर्व मंत्री झारखंड बिहार शासन तथा सुभाष जायसवाल जिला संघ संचालक, संस्कार भारती इकाई अम्बिकापुर के फिल्म डॉयरेक्टर एवं प्रांतीय संयोजक आनंद सिंह यादव, रंजीत सारथी जिलाध्यक्ष सरगुजा, उपाध्यक्ष पूनम दुबे, महामंत्री अर्चना पाठक, सह महामंत्री माधुरी जायसवाल, मंत्री पूर्णिमा पटेल, राजेश बाबू, अभय पोलकर कार्यक्रम में सहभागिता रहा तथा काव्य पाठ किया गया तथा फिल्म डॉयरेक्टर एवं प्रांतीय संयोजक आनंद सिंह यादव द्वारा पद्मश्री डॉ0 सुरेन्द्र दुबे जी एवं अन्य विख्यात कवियों का का मंच पर पुष्पगुच्छों से स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा कि इस विशाल कवि सम्मलेन के आयोजन को सफल बनाने हेतु प्रदेश महामंत्री हेमंत माहुलकर एवं आयोजनकर्ता संस्कार भारती रामानुजगंज के सरगुजा संभाग प्रभारी पवन कुमार पांडे, संरक्षक सुनील कुमार गुप्ता, संरक्षक शैलेश गुप्ता एवं साहित्य विधा प्रमुख एसएन तिवारी एवं उनके साथियों व इस कार्यक्रम को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभमानाऐं दिये।

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बीती रात कार्यक्रम की शुरुआत संस्कार भारती के ध्येय गीत के साथ शुरू की गई, जिसे संस्कार भारती के पवन पांडे, हेमंत महुलकर, पूनम दुबे एवं अन्य के द्वारा अपने मधुर स्वर में प्रस्तुत की गई। इसके बाद कार्यक्रम के अतिथियों का स्वागत पुष्पमाला एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया। इसी बीच कार्यक्रम में आए कवियत्री पूनम दुबे एवं सुधा देवांगन के पुस्तकों का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया। श्री नेताम ने कार्यक्रम के सदस्यों को बधाई देते हुए इस तरह के आयोजन के लिए उत्साह बढ़ाया। अन्य अतिथियों ने भी आयोजन को सराहा। इसके बाद कार्यक्रम संचालन की बागडोर डॉ. सुरेंद्र दुबे ने अपने हाथ में लेते हुए कवि सम्मेलन की शुरुआत अपने चुटकुले अंदाज में करते हुए कहा कि आगे से संस्कार भारती द्वारा कवि सम्मेलन का कार्यक्रम 2 दिन का रखा जाए, जिसमें 1 दिन स्वागत समारोह हो एवं दूसरे दिन हम कवियों को अपनी कविता दर्शकों के सामने जो सिर्फ हमें सुनने आए आते हैं. उनको सुनाने का मौका मिल सके। इतना सुनते ही दर्शकों का उत्साह कड़कड़ाती ठंड में भी गर्मी का काम किया एवं तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई।

इसके बाद एक से बढ़कर एक कविता एवं अपने चुटकुले से श्री दुबे एवं अन्य कवि लोग सभी दर्शकों का मन मोह लिया। डॉ. सुरेंद्र दुबे ने अपने मनमोहक वाकपटुता अंदाज में ‘टाइम नहीं है’ सुनाते हुए दर्शकों को हंसने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के बीच में ही अपने चुटकुले अंदाज में ’टाइगर अभी जिंदा है’ पर भी लोगों को खूब हंसाया। श्री दुबे ने आज के किसी भी समारोह में भोजन खिलाने की व्यवस्था बफे सिस्टम पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि पहले बैठाकर भोजन परोस कर पूछ-पूछकर भोजन कराया जाता था, परंतु आज परिस्थितियां हो गई है कि अपने से प्लेट लेकर लाइन में खड़े होकर और भोजन मांग-मांग कर खाना पड़ता है।

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