
ग्रेटर नोएडा के वीनस मॉल में ईडी की छापेमारी, डीएस ग्रुप और मालिक सतेंद्र भसीन की साझेदारी पर जांच
ED ने ग्रेटर नोएडा के वीनस मॉल में छापा मारा। मॉल मालिक सतेंद्र भसीन और डीएस ग्रुप के बीच वित्तीय साझेदारी विवाद की जांच के तहत दस्तावेज जब्त किए गए। मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका।
ग्रेटर नोएडा के वीनस मॉल में ईडी की छापेमारी, डीएस ग्रुप और मालिक सतेंद्र भसीन की साझेदारी विवाद से जुड़ा मामला
ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा स्थित वीनस मॉल में छापेमारी की। ईडी की यह कार्रवाई डीएस ग्रुप और मॉल के मालिक सतेंद्र सिंह भसीन उर्फ मोंटू के बीच विवादित साझेदारी को लेकर की गई है। मॉल के दफ्तर में दस्तावेजों की जांच और जब्ती की प्रक्रिया कई घंटे तक चली।
क्या है पूरा मामला?
वीनस मॉल के मालिक सतेंद्र भसीन और डीएस ग्रुप के बीच वित्तीय साझेदारी को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। आरोप है कि मॉल की कुछ वित्तीय डीलिंग्स में अनियमितता हुई है, जिसे लेकर ईडी को जानकारी मिली थी। इसी आधार पर जांच एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत यह कार्रवाई शुरू की।
सूत्रों के अनुसार, मॉल की लीज, निवेश और पार्टनरशिप डील से जुड़े कई दस्तावेज ईडी ने जब्त किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि दस्तावेज़ों की गहन पड़ताल के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
मॉल परिसर में भारी सुरक्षा, कर्मचारियों से पूछताछ
ईडी की टीम जब वीनस मॉल पहुंची, तो स्थानीय पुलिस को भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए बुलाया गया। मॉल के मुख्य दफ्तर को सील कर कुछ कर्मचारियों से पूछताछ की गई। छापेमारी के दौरान मॉल के अंदर कुछ हिस्सों में गतिविधि रोक दी गई, जिससे दुकानदारों और ग्राहकों में भी असमंजस का माहौल बन गया।
सतेंद्र भसीन उर्फ मोंटू: पहले भी विवादों में रहे हैं
मॉल के मालिक सतेंद्र सिंह भसीन उर्फ मोंटू का नाम पहले भी विवादित रियल एस्टेट डील्स और साझेदारियों में सामने आता रहा है। कई बार उन पर अनुचित तरीके से फंड के इस्तेमाल और प्रॉपर्टी डीलिंग में धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। हालांकि अभी तक किसी भी मामले में अंतिम निष्कर्ष नहीं निकला है।
इस छापेमारी के बाद एक बार फिर सतेंद्र भसीन के कारोबारी नेटवर्क और निवेश की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
डीएस ग्रुप की चुप्पी, लेकिन निगाहें जांच पर
डीएस ग्रुप की ओर से इस छापेमारी पर अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, समूह पूरे मामले को गंभीरता से देख रहा है और ईडी को पूरा सहयोग देने की बात कही है।
जांच के बाद बड़े खुलासे संभव
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ईडी की जांच में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो भ्रष्टाचार, टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में आपराधिक मुकदमे दर्ज हो सकते हैं। इससे न केवल मॉल का भविष्य प्रभावित हो सकता है, बल्कि क्षेत्र में अन्य व्यवसायिक सौदों की भी जांच शुरू हो सकती है।
स्थानीय कारोबारियों की चिंता
ईडी की कार्रवाई के बाद मॉल में संचालित अन्य दुकानदारों और व्यापारियों में चिंता देखी जा रही है। उनका कहना है कि इस तरह की छापेमारियों से उनका भी व्यवसाय प्रभावित होता है और ग्राहक असमंजस में रहते हैं।