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पुलिस अधिकारियों को शिक्षण संस्थानों के आसपास सुरक्षा उपाय बढ़ाने के निर्देश।

पुलिस ने झुग्गी के पास स्थित कॉलेज में छात्राओं की सुरक्षा के लिए बीट मार्शल और कांस्टेबल तैनात किए: बॉम्बे हाईकोर्ट

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बॉम्बे //उच्च न्यायालय ने 14 दिसंबर, 2024 को रिट याचिका संख्या 1300/2024 (गुजराती केलावानी मंडल एवं अन्य बनाम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एवं अन्य) में दिए गए अपने फैसले में माटुंगा क्षेत्र में फुटओवर ब्रिज के निर्माण और छात्राओं के लिए सुरक्षा उपायों से संबंधित याचिका पर विचार किया।

याचिकाकर्ता गुजराती केलावानी मंडल ने इलाके में फुट-ओवर ब्रिज के निर्माण को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की थी, जिसमें आस-पास के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी। हालांकि पुल का निर्माण याचिका का विषय था, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने मुख्य रूप से इलाके में छात्राओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने की मांग की थी।

कार्यवाही के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने छात्राओं की सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर। माटुंगा पुलिस स्टेशन को निर्देश दिया गया कि वह छात्राओं को संभावित खतरों से बचाने के उपाय सुनिश्चित करे। माटुंगा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक द्वारा एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया गया , जिसमें पहले से उठाए गए सुरक्षा कदमों की रूपरेखा बताई गई।

1. बीट मार्शल और चौकी : पुलिस अधिकारियों ने संस्थानों के आस-पास के क्षेत्र में गश्त करने के लिए 4 बीट मार्शल और 4 बीट चौकियों को नियुक्त किया है । प्रत्येक चौकी पर पुरुष और महिला कांस्टेबल सहित कर्मी तैनात हैं, ताकि किसी भी संकट की स्थिति में समय पर प्रतिक्रिया दी जा सके।

2. नियमित गश्त : कॉलेज और स्कूल क्षेत्रों में पीक ऑवर्स (सुबह से शाम तक) के दौरान नियमित गश्त के लिए निर्भया स्क्वॉड सहित मोबाइल वैन तैनात की गई हैं। इसके अतिरिक्त, बीट मार्शल किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्कूल खुलने और बंद होने जैसे महत्वपूर्ण समय के दौरान पैदल और मोबाइल गश्त करते हैं।

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3. विशेष सुरक्षा दस्ते : महिला अधिकारियों से युक्त निर्भया दस्ता इलाके में गश्त करता है और छात्राओं को सुरक्षा का एहसास दिलाता है। इस दस्ते में सब-इंस्पेक्टर या असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रैंक की एक महिला अधिकारी, एक महिला कांस्टेबल, एक पुरुष कांस्टेबल और एक पुरुष ड्राइवर शामिल होता है। प्रत्येक गश्त की निगरानी एक महिला असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर या पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा की जाती है ।

4. व्यस्त समय के दौरान अतिरिक्त उपाय : इसके अलावा, छात्रों की सुरक्षा के प्रति अधिक केंद्रित और सतर्क दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए स्कूल और कॉलेज समय के दौरान संस्थानों के आसपास गश्त करने के लिए अतिरिक्त कांस्टेबलों को तैनात किया जाएगा।

अदालत ने पुलिस अधिकारियों को इन उपायों को लागू करने और छात्रों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। माटुंगा पुलिस स्टेशन को इन अतिरिक्त गश्तों को प्रभावी बनाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के समय के संबंध में याचिकाकर्ताओं के साथ उचित समन्वय सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया था।

उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के हलफनामे में उल्लिखित सभी उचित कदम और उपाय करें । न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

न्यायालय के निर्देश की मुख्य बातें:

पुलिस अधिकारियों को शिक्षण संस्थानों के आसपास सुरक्षा उपाय बढ़ाने के निर्देश दिए गए।

स्कूल समय के दौरान गश्त और निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ।

निर्भया दस्ते को विशेष रूप से लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था।

न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन उपायों का अनुपालन पूरी तत्परता से किया जाए।

Ashish Sinha

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