छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़रायगढ़

सिविल सर्विसेज डे के दिन मनमोहन सिंह के हाथों सम्मानित हुए थे ओपी चौधरी

रायगढ़ । सिविल सर्विसेज डे के दिन देश के तात्कालिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाथों शिक्षा के क्षेत्र में किए अभूतपूर्व कार्यों के लिए तात्कालिक जिलाधीश यूथआइकॉन एवं वर्तमान भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी सम्मानित हुए थे।

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

बतौर कलेक्टर ओपी चौधरी ने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में  बहुत से ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए, जो छत्तीसगढ़ में आज मिल के पत्थर साबित हो रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो को कड़ी मेहनत के जरिए मुकाम हासिल करने का हुनर सिखाने वाले ओपी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। आजादी के बाद से प्रदेश का सीना नक्सलवाद की गोलियों से छलनी होता रहा।

अरसे तक राजनैतिक गलियारों में किसी अधिकारी को बतौर सजा नक्सल क्षेत्र में ट्रांसफर किया जाता था, लेकिन ओपी चौधरी ने कलेक्टर रहते जब नक्सल जाने की इच्छा जताई तब सूबे के तात्कालिक मुखिया ने आश्चर्य भी जताया। लेकिन कुछ नया करने की चाह और बड़ा बदलाव का लक्ष्य लेकर नक्सल क्षेत्र पहुंचे और उन्होंने शिक्षा के जरिए  नक्सलवाद का खात्म करने का मंत्र इजाद किया।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
दिल्ली के बड़े स्कूलों में पढ़ने वाले अमीर बच्चों और दूर पिछड़े क्षेत्र में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के मध्य असमानता को दूर करने के लिए ओपी चौधरी ने प्रदेश में आरटीआई को पारदर्शी बनाया।
यही वजह है कि प्रदेश में गरीब परिवार का बच्चा अच्छे स्कूलों में दाखिला पा सकता है। पढ़ाई छूटने पर अफसोस जताने वालो के लिए ओपी चौधरी ने उनके हाथों को रोजगार देने के लिए लाइवलीहुड कॉलेज की स्थापना की। बेरोजगार युवाओं को प्रलोभन देने की बजाय ओपी चौधरी ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार सीखने का रास्ता खोजा ताकि आने वाली पीढ़ी को बेरोजगार न होना पड़े।

लाइवलीहुड कॉलेज आज बेरोजगार युवाओं के लिए मिल का पत्थर साबित हो रहा है। ऐसे बच्चे जो नक्सली हमले की वजह से अनाथ हो गए या शारीरिक रूप से अक्षम थे, बीहड़ जंगलों के मध्य बड़े सपने नहीं देख वाले बच्चों के लिए नक्सल क्षेत्र में  एजुकेशन सिटी, आस्था, पोटा केबिन जैसे शिक्षा के मन्दिरों का निर्माण ओपी चौधरी के कर कमलों से संपन्न हुआ।

किताबों के अभाव में कोई बच्चा अपने लक्ष्य से दूर न रहे, उनके  लिए नालंदा परिसर जैसी वर्ल्ड क्लास लाइब्रेरी का निर्माण करने वाली ओपी चौधरी को  शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु दो बार प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। सिविल सर्विसेज-डे के दिन ऐसे व्यक्तित्व का स्मरण प्रदेश के युवाओं को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करेगा। 21 अप्रैल 2013 को पहली बार ओपी चौधरी को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

Pradesh Khabar

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!