
Diwali 2025: आज लक्ष्मी पूजा में चढ़ाएं ये 7 भोग, जानें अक्षत-बताशे और कमल का महत्व
आज 20 अक्टूबर को दिवाली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए 7 विशेष भोग। अक्षत (चावल), बताशे-मिश्री, कमल का फूल और खीर चढ़ाने का कारण। जानें ये भोग कैसे लाते हैं जीवन में शुद्धता, समृद्धि और सौभाग्य।
Diwali 2025: आज लक्ष्मी-गणेश पूजा में चढ़ाएं ये 7 विशेष भोग, जानें अक्षत से लेकर कमल फूल तक का आध्यात्मिक महत्व
नई दिल्ली: धन और समृद्धि का महापर्व दीपावली आज, 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विशेष महत्व रखती है। शास्त्रों के अनुसार, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष भोग चढ़ाए जाते हैं जो न केवल श्रद्धा, बल्कि भारतीय परंपरा, शुद्धता और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आइए जानते हैं, आज की लक्ष्मी पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रमुख भोग और उनके पीछे छिपे आध्यात्मिक कारणों के बारे में:
मां लक्ष्मी को प्रिय ये 7 प्रमुख भोग और उनका महत्व
भोग का नाम | आध्यात्मिक/धार्मिक कारण | प्रतीक |
1. धान और चावल (अक्षत) | अक्षत का अर्थ है ‘बिना टूटा हुआ’। ये समृद्धि और शुद्धता के प्रतीक माने जाते हैं। धान नए अन्न का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे कृषि और धन की वृद्धि का कारक माना जाता है। | शुद्धता और धन वृद्धि |
2. बताशे और मिश्री | चीनी से बनी ये सरल मिठाइयाँ समानता का प्रतीक होती हैं। मान्यता है कि इन्हें गरीब और अमीर सभी श्रद्धा से अर्पित कर सकते हैं, जो दीपावली की सामूहिक भावना को दर्शाता है। | सरलता और समानता |
3. मूंगफली, गुड़ और तिल | ये स्थानीय रूप से उपलब्ध और सस्ते भोग हैं जो सर्दी के मौसम में उपयोगी होते हैं। तिल और गुड़ से बनी चीजें शुद्धता, ऊर्जा और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती हैं। | ऊर्जा और सौभाग्य |
4. फल (अनार, नारियल, सीजनल) | फल प्रकृति की देन हैं और समृद्धि का प्रतीक होते हैं। अनार मां लक्ष्मी के सौंदर्य और बहुलता वाली समृद्धि को दर्शाता है, जबकि नारियल को शुद्धता और संपूर्णता का प्रतीक माना जाता है। | बहुलता और शुद्धता |
5. खीर या हलवा | खीर शुद्ध दूध और चावल से घर पर श्रद्धा से तैयार की जाती है। माना जाता है कि खीर मां लक्ष्मी को अति प्रिय होती है, इसलिए इसे मुख्य प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। | श्रद्धा और प्रेम |
6. सूखा मेवा (मेवा-मिष्ठान) | बादाम, काजू, किशमिश जैसे सूखे मेवे वैभव और ऐश्वर्य का प्रतीक माने जाते हैं, जो जीवन में संपन्नता और विलासिता को दर्शाते हैं। | वैभव और संपन्नता |
7. कमल का फूल और पत्ते | कमल का फूल मां लक्ष्मी का सबसे प्रिय पुष्प है, क्योंकि यह पवित्रता, सौंदर्य और वैराग्य के बीच संतुलन का प्रतीक है। मां लक्ष्मी का आसन और वाहन दोनों कमल ही हैं। | पवित्रता और संतुलन |
पूजा के लिए विशेष संकेत
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, पूजा में चढ़ाई जाने वाली चीजें शुद्धता और सरलता से भरी होनी चाहिए। इसके अलावा, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए:
- साफ-सुथरा स्थान चुनें।
- पूजा में तेल का दीपक जलाएं।
- पूजा के समय शंख की ध्वनि का प्रयोग करें, जो उन्हें अत्यंत प्रिय होती है।
आज की लक्ष्मी पूजा में ये भोग अर्पित कर भक्तजन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि का आह्वान कर सकते हैं।