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नेशनल लोक अदालत के संबंध में चीफ जस्टिस ने अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया संबोधित

बलौदाबाजार : नेशनल लोक अदालत के संबंध में चीफ जस्टिस ने अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया संबोधित

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छत्तीसगढ़ राज्य प्रकरणों का निपटान में अन्य राज्यों की अपेक्षा अव्वल

पक्षकारों के हित में लोक अदालत लंबित मामलों का जल्द निराकारण करें- चीफ जस्टिस

कहावत है कि सभी लोगों के संयुक्त प्रयासों से ही एक बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। जिसका उदाहरण छत्तीसगढ में आयोजित लोक अदालतों के पूर्व आंकड़ों का अवलोकन करने से प्राप्त होता है। चीफ जस्टिस ने कहा कि उत्तरप्रदेश में लोक अदालतों के परिणाम की अपेक्षा छत्तीसगढ में लोक अदालतों का परिणाम ज्यादा अच्छा और सराहनीय रहा है। जिससे यह प्रतीत हुआ है कि लोक अदालत के आयोजन का उद्देश्य पूरा हुआ। लोक अदालत की सफलता में सभी का सहयोग प्राप्त है और इस उददेश्य को पूरा करने के लिए सभी का योगदान जरूरी भी है, जिससे अच्छे परिणाम आ सके। उपरोक्त बातें माननीय न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा आगामी नेशनल लोक अदालत जो कि आगामी दिनांक 13 मई 2023 को आयोजित होगा जिसके संबंध में समस्त जिला न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट जज, जिलों के न्यायिक अधिकारियों, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, बैंक, बीमा के अधिकारियों, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष,आयुक्त नगरपालिक निगम इत्यादि के साथ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के एनआईसी के माध्यम से वर्चुअल/विडियेा के दौरान व्यक्त की गई। उन्होनें आगे कहा कि मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, ट्रैफिक चालान, कामर्शियल कोर्ट, चेक बाउंस, वैवाहिक विवाद के मामलों का लोक अदालतो में निराकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। छोटे-मोटे विवादों का लोक अदालतों के माध्यम से निस्तारण हो जाने पर न्यायालय पर ऐसे छोटो मामलों का भार कम होता है और न्यायालय को संगीन मामलों के शीध्र निराकण पर विचार करने में सुगमता होती है। वर्चुअल बैठक में उपस्थित जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अधिक-से-अधिक प्रकरणों के निपटारे का प्रयास करें और इसके कार्यान्वयन में यदि कोई समस्या आती है तो सालसा के सदस्य सचिव से सम्पर्क करें। वर्चुअल मीटिंग में न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी-न्यायाधीश छ.ग. उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा संबोधित किया गया। उन्होनें कहा कि न्यायालयों में छोटे-मोटे प्रकरण काफी संख्या में लंबित है और उनके पक्षकार परेशान होते रहते हैं। ट्रैफिक चालान, भूमि अधिग्रहण, विद्युत बिल, नगरपालिका के टैक्स, जल देयक, श्रम विवाद, भाड़ा नियंत्रण, राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों को अधिक-से-अधिक संख्या में निराकृत कर उनके पक्षकारों को राहत दिलायी जा सकती है। व जिले के पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की कि नेशनल लोक अदालत में चिन्हांकित किए जाने वाले प्रकरणों के पक्षकारों को उचित समय पूर्व नोटिस तामील करायी जा सके, इसके संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं ताकि पक्षकार अपने मामलों के संबंध में न्यायालयों में उपस्थित रह सके। जिला विधिाक सेवा प्राधिकरणों से अपेक्षा करते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाईब्रिड माध्यम से किया जा रहा है , इसके लिए ऐसा कोई पक्षकार जो वर्चुअल माध्यम से मामले में उपिस्थत होना चाहता है, तो उसकी उपस्थिति के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। उन्होनें लोगों को उनके घर तक न्याय की पहंच उपलब्ध सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से विगत नेश्नल लोक अदालत में जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों के निराकरण के लिए आयोजित की गई ’’मोहल्ला लोक अदालत’’ की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि आगामी नेशनल लोक अदालत में भी जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों के पक्षकारों को उनकी छोटी-मोटी जनोपयोगी समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास करें। उन्होनें कहा कि जिस गति से लोगों अदालतों के सफलता का प्रयास चल रहा है, वह धीमा नहीं होना चाहिए।

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वर्चुअल बैठक में उपस्थित न्यायमूर्ति एस.एस.अग्रवाल -न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष-उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति बिलासपुर के द्वारा कहा गया कि लोक अदालतों में अधिक- से- अधिक प्रकरण चिन्हंाकित किया जाना ही उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि यह प्रयास होना चाहिए कि चिन्हंाकित किए गए प्रकरणों का अच्छी तरह अध्ययन किया जावे, ताकि पक्षकारों को प्रकरण के बारे में अच्छे से समझाया जा सके। उन्होनें व्यक्त किया कि मोटर दुर्घटना मुआवजा संबंधी मामलों में अब बीमा कंपनियंा भी आगे आकर पीड़ित पक्ष से राजीनामा करने का प्रयास करती है, इसलिए इस दिशा में प्रयास आवश्यक है। यह उत्साह का विषय है कि माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय के द्वारा छत्तीसगढ राज्य में लोक अदालतों के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण की सराहना की गई है। हमें आगे भी लोक अदालतों के आयोजन के उद्देश्यों को पूरा करने में ऐसे ही प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। उपरोक्त विडियो कान्फ्रेसिंग परिचर्चा के दौरान सालसा के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल उपस्थित रहे।

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