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कौशल्या माता का यह प्रदेश बागेश्वरधाम बन गया है – डॉ रमन

00 छत्तीसगढ़ से उनके मन में प्रीति और लगाव बहुत बढ़ गया है, अब से छत्तीसगढ़ आते रहेंगे – धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री
00 जो गुरु को तो मानते हैं पर गुरु की नहीं मानते उन्हें कभी सफलता नहीं मिलती.
रायपुरl श्री हनुमान मंदिर मैदान गुढ़ियारी के दही हांडी मैदान में आचार्य श्री धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री ने श्री राम कथा के तृतीय दिवस राम-जानकी विवाह प्रसंग पर अपनी बात रखते हुवे कहा कि छत्तीसगढ़ वे पहली बार आए हैं और तब से उनके मन में प्रीति और लगाव बहुत बढ़ गया है, अब से छत्तीसगढ़ आते रहेंगे। कथा सुनने पहुंचे डॉ रमन सिंह ने इस दौरान कहा कि कौशल्या माता का यह प्रदेश अब बागेश्वरधाम बन गया है।

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इससे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, श्रीमती वीणा सिंह, पूर्व मंत्री श्री राजेश मूणत, श्याम बैस ने ओमप्रकाश मिश्रा परिवार के साथ श्री बागेश्वरधाम के हनुमान जी की आरती किये. अतिथियों का आयोजक ओमप्रकाश मिश्रा, संयोजक संतोष सेन, बसंत अग्रवाल, सौरभ मिश्रा ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया. डॉ. रमन सिंह ने अपने उदबोधन में कहा कि आचार्य श्री धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री जी की छत्तीसगढ़ की भूमि में कथा करवाने के लिये ओमप्रकाश मिश्रा एव उनके सहयोगिया का अभिनंदन है. कौशल्या माता का यह प्रदेश बागेश्वरधाम बन गया है. महाराजश्री के बागेश्वरधाम में वर्षों से हजारों लोगों के लिये अनवरत भंडार किया जा रहा है. अनेक निर्धन परिवारों का नि:शुल्क विवाह करवाया गया है. विशाल कैंसर हॉस्पिटल महाराजश्री द्वारा बनवाया जा रहा है. मैं पूरे छत्तीसगढ़ की जनता के सुख, शांति, समृद्धि की कामना बागेश्वर बाबा से करता हूं.

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महाराजश्री ने गुढ़ियारी वाले प्राचीन हनुमान जी सहित प्रदेश के समस्त देवी-देवताओं का स्मरण करते हुए उन्हें प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि दण्डधारण की जिस धरा में भगवान श्री राम ने अपने जीवन का सर्वाधिक समय व्यतीत किया उस धरा में उन्हें कथा सुनाते हुए उन्हें बहुत आनंद प्राप्त हो रहा है. छत्तीसगढ़ से उनके मन में प्रीति और लगाव बहुत बढ़ गया है. अब से छत्तीसगढ़ आते रहेंगे.
श्रद्धालुओं को आज का मंत्र दिये कि- भगवान में आस्था है तो उलझनों में भी रास्ता है.
जो गुरु को तो मानते हैं पर गुरु की नहीं मानते उन्हें कभी सफलता नहीं मिलती. अपने माता-पिता, गुरु का सदैव सम्मान करें.

आचार्य विश्वामित्र जी के साथ भगवान श्रीराम-लक्ष्मण जी के साथ जनकपुरी आगमन, नगर भ्रमण पर कौतुहलवश सम्पूर्ण नगरी का उनको निहारना, प्रात: पूजन हेतु गुरु के लिये पुष्प एकत्रित पुष्प वाटिका जाना एवम् माली द्वारा उन्हें रोकना पश्चात पुष्प चुनना. पुष्प वाटिका में अपनी अष्ट सखियों के साथ सीता जी भेंट एवम् उनके मन को हरना, आदि प्रसंगों को विस्तार से बताया. संगीतमयी भजन से हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुगण झूमने लगे.
गुढ़ियारी वाले हनुमान मेरी बिगड़ी बना दे…!!
सिया जी की मिथिला सुंदर लागे…!!
कोई आया है सखि फूल बगिया में…
जिसकी चर्चा है सारी नगरिया में….!!
राम को देखकर जनक नंदनी…
ताकने यूं लगी थी खड़ी-2….!!
आदि अनेक भजनों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया. सभी अपने स्थान पर खड़े होकर ताली बजाते हुये नृत्य करने लगते थे.

कार्यक्रम की व्यवस्था में आयोजक ओमप्रकाश मिश्रा, संयोजक संतोष सेन, बसंत अग्रवाल, सौरभ मिश्रा, मीडिया प्रभारी नितिन कुमार झा, मनीष तिवारी, ट्रस्टी रतनलाल गोयल, शैलेन्द्र दुग्गड़, महेश शर्मा, विजय जड़ेजा, हेमेन्द्र साहू, प्रकाश महेश्वरी, दुर्गा प्रसाद तिवारी, श्याम द्विवेदी, अरुण मिश्रा, निर्मल मिश्रा, सुनील बाजारी, सुंदर जोगी, नागपुर से आये मनीलाल मिश्रा, गोपाल बगरिया, प्रशांत वारा सहित सैकडों की संख्या में कार्यकर्तागण सक्रिय रहे।

Pradesh Khabar

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