
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गरीबी मुक्त गांव थीम पर मनाया गया “अंत्योदय दिवस”
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गरीबी मुक्त गांव थीम पर मनाया गया “अंत्योदय दिवस”
अंत्योदय दिवस के अवसर पर, हमें संसार के सभी लोगों की समृद्धि की दिशा में सक्रिय मदद करने की जरूरत है। इसलिए, यहां हम पांच क्रियात्मक सुझाव प्रस्तुत कर रहे हैं जो आपको अंत्योदय दिवस पर अपने योगदान को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं:
बलरामपुर कलेक्टर रिमिजियुस एक्का के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रेना जमील के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत जिले में गठित महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा विभिन्न ग्राम पंचायतों में गरीबी मुक्त गांव थीम पर आधारित “अंत्योदय दिवस” के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिले के सभी विकासखण्डों के विभिन्न ग्रामों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर सफलता की कहानियों का प्रदर्शन एवं साझा करते हुए लखपति दीदी, सफल उद्यमियों, उत्कृष्ट कैडरों द्वारा किये जा रहे कार्यों एवं अनुभवों को साझा किया गया। इस दौरान ’’एक पेड़ मां के नाम’’ पर पौधरोपण अभियान अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण किया गया।
स्वच्छता एवं सुपोषण पखवाड़ा अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर ग्रामीण उत्थान के लिये कार्य करने हेतु सभी को शपथ ग्रहण करवाया गया। कार्यक्रम में सभी संकुल स्तरीय संगठन, ग्राम संगठन एवं विभिन्न महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य, सामुदायिक कैडर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला एवं विकासखंड स्तरीय अमला एवं ग्रामीण जन शामिल हुए।
गौरतलब है कि ’’अंत्योदय दिवस’’ प्रत्येक वर्ष 25 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय समाज में गरीबों और वंचितों के उत्थान के प्रति समर्पण को दर्शाता है। अंत्योदय का अर्थ है ’’अंतिम व्यक्ति का उदय’’, अर्थात समाज के सबसे गरीब और पिछड़े व्यक्ति को समाज की मुख्यधारा में लाना है। यह दिवस महान समाज सुधारक और भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने अंत्योदय के विचार को अपने जीवन का प्रमुख लक्ष्य बनाया था। अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित दिन है। इस दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती होती है। और उनके विचारों से समाज को जागरूक कराने के उद्देश्य से अंत्योदय मनाया जाता है। ग्रामीण विकास विभाग भारत शासन के मंशा अनुरूप इस वर्ष अंत्योदय दिवस को गरीबी मुक्त गाँव की थीम पर आयोजित किये जाने का आह्वाहन किया गया था।
1. समाज सेवा केंद्रों का समर्थन करें:
अंत्योदय दिवस के अवसर पर हमें समाज सेवा केंद्रों का समर्थन करने की जरूरत है। इन केंद्रों में ज्ञान समाज के उपकार के लिए संगठित किया जाता है और लोगों की मदद करने का संदेश फैलाया जाता है। एक उत्कृष्ट उदाहरण यह है कि आप अपने समुदाय में ऐसे केंद्रों का समर्थन कर सकते हैं जो गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
2. गरीबों के लिए जल्द से जल्द सहायता प्रदान करें:
एक और महत्वपूर्ण सुझाव है कि आप गरीबों के लिए जल्द से जल्द सहायता प्रदान करें। अंत्योदय दिवस के मौके पर, आप उन्हें खाद्य, कपड़े, और आवास की सहायता कर सकते हैं। इस से गरीबों को आसानी से सरकारी योजनाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी मिलेगी।
3. जागरूकता उत्थान करें:
आम जनता को गरीबी के कारणों और समाधानों के बारे में शिक्षित बनाना भी एक महत्वपूर्ण कदम है। आप गरीबी के खिलाफ जनसामान्य में जागरूकता उत्थान कर सकते हैं और उन्हें भागीदार बना सकते हैं इस लड़ाई में। उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में, आप आर्थिक सहायता और उपयोगी संसाधनों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए जनसभा आयोजित कर सकते हैं।
4. शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करें:
गरीबी के खिलाफ लड़ाई में शिक्षा और कौशल विकास भी एक महत्वपूर्ण तत्व है। आप उन्हें उनके क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण की प्राप्ति के लिए मदद कर सकते हैं। यहां उत्कृष्ट उदाहरण है कि आप सरकारी स्कूलों और ट्रेनिंग क्लासेस में उनका समर्थन करें जो गरीब बच्चों और युवाओं को शिक्षित कर रहे हैं।
5. संस्थागत परिवर्तन प्रोत्साहित करें:
आने वाले समय में, हमें संस्थागत और सांस्कृतिक परिवर्तन का समर्थन करने की जरूरत है। आप ऐसे संगठनों का समर्थन कर सकते हैं जो गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए कार्य कर रहे हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहे हैं।
अंततः, अंत्योदय दिवस के अवसर पर हमें समर्थन करना चाहिए और सक्रियता दिखानी चाहिए ताकि हम समृद्धि, समाज, और संस्कृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकें। उपरोक्त पांच सुझावों का प्रायोगिक और मार्गदर्शक होने की आवश्यकता है, ताकि हम गरीबों की मदद करने के लिए अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकें।