
राष्ट्रीय मुद्दों और केंद्र सरकार के कामकाज पर लड़ा जाएगा लोक सभा चुनाव, नहीं पड़ेगा कर्नाटक के नतीजों का असर – भाजपा
संतोष कुमार पाठक/नई दिल्ली/ कर्नाटक, दक्षिण भारत का इकलौता ऐसा राज्य माना जाता है जहां भाजपा काफी मजबूत मानी जाती रही है। कर्नाटक में भाजपा ने कई बार सरकार का भी गठन किया हालांकि उसे राज्य में हुए किसी भी विधान सभा चुनाव में सीधा और स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हुआ था। इसलिए कभी-कभी यह भी कहा जाता था कि कर्नाटक की जनता ने भाजपा के लिए अपनी खिड़की तो खोल दी है लेकिन पूरा दरवाजा अभी खोलना बाकी है। भाजपा आलाकमान ने इस बार अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में वोटरों को साधने के लिए उतार दिया था लेकिन कर्नाटक की जनता के फैसले से भाजपा को बहुत बड़ा राजनीतिक धक्का लगा है। राज्य की जनता ने भाजपा के खाते में सिर्फ 66 सीटें ही दी वहीं कांग्रेस को भाजपा की तुलना में दो गुने से भी ज्यादा 135 सीटों पर विजयी बनाया।