राज्यसरगुजा पैलेस इतिहास

सरगुजा पैलेस अतीत के पन्नो में “सरगुज़ा” सरगुज़ा स्टेट: महाराज कुमार चण्डिकेश्वर शरण सिंहदेव।

सरगुज़ा के हिजहाईनेस महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव का सन 1909 में काशीपुर नैनीताल की पद्मकुंवरी गँगा महारानी से विवाह हुआ था, वे राजा हरिराज सिंहजी की पुत्री तथा राजा उदयराज सिंह जी की बहन थीं. गँगा महारानी के दो पुत्र क्रमशः महाराजा अम्बिकेश्वर शरण सिंहदेव (14.12.1910 – 18.12 1966), एवँ महाराज कुमार चण्डिकेश्वर शरण सिंहदेव (02.01.1914 – 12.06.1981) हुए, जो #कुमार_साहेब के नाम से लोकप्रिय एवं विख्यात रहे. ये स्नातक तथा ICS स्तर का परिपक्व अध्ययन एवं मसूरी से प्रशिक्षण प्राप्त थे तथा लोकतंत्रिय व्यवस्था लागू कर चुके “सरगुज़ा स्टेट” के स्टेट कौन्सिल के डेव्हलपमेंट मेम्बर थे, क्रान्तिकारीयों और सत्याग्रहियों की मदद, फ़ंडिंग, पुनर्वास इन्हीं के जिम्मे थी, ये शतरंज एवं पोलो के अपराजेय खिलाड़ी थे. स्टेट मर्ज़र के बाद ये “सरगुज़ा-रायगढ़” के सांसद भी रहे, तब इनके पिता महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव सरगुज़ा से सीपी एण्ड बरार की राजधानी नागपुर में विधायक थे.
कुमार साहब के बड़े पुत्र पहारबुल्ला (श्रीनगर, रामानुजनगर), दूसरे बसदेई में रहते थे, तीसरे विजेश्वर, भीएस, जो सूरजपुर से 1967 में एमएलए थे, का रघुनाथ पैलेस में रहते रघुनाथ हॉस्पिटल में निधन हो गया था. यूएस राजा और सबसे छोटे नानहूँ राजा “सरगाँवा पैलेस” अम्बिकापुर में निवासरत थे/हैं. पाँच भाइयों के परिवार में केवल एक पुत्र राकु बिन्देश्वर शरण सिंहदेव विन्की बाबा, है जो सूरजपुर जिला के काँग्रेस अध्यक्ष हैं. सबसे बड़े भाई की तीन पुत्री, चौथे भाई की एक पुत्र, विन्की बाबा सहित एक पुत्री तथा छोटे पाँचवें भाई की दो पुत्रियाँ हैं.
आज के अम्बिकापुर का भव्य आलीशान सर्किट हॉउस #कुमार_साहब का निजी निवास था, जिसे #कुमार_पैलेस के नाम से जाना जाता है, यह सरगुज़ा के चीफ स्टेट इंजीनियर चन्द्रशेखर शर्मा के मार्ग दर्शन एवं सब इन्जीनियर बिरदी जी के निगरानी में बना था जिसमें बेशकीमती इटली की मोजाइक फ़र्श, खिड़की दरवाजों की काँच तथा झाड़ फ़ानूस बेल्जियम ग्लास तथा लकड़ियां वर्मा से आयातित टीक वुड इस्तेमाल हुई हैं, इस शानदार बिल्डिंग का निर्माण तब के प्रख्यात फर्म “हीरालाल एण्ड ब्रदर्स” द्वारा की गई थी जिसमें हेड मिस्त्री रसूल मियाँ थे, जिनके नाम पर महामाया रोड़ में रसूलपुर बस्ती बस गया. कुमार पैलेस की बिजली फिटिंग्स यूरोपियन फ़र्म “गंगोली कम्पनी” कलकत्ता द्वारा की गई थी. अब इस के परिसर में कालोनी सहित आकाशवाणी, दूरदर्शन केन्द्र, बटालियन, जज एवँ एसपी बँगला समा गए. कुमार साहब अच्छे विशेषज्ञ कृषक भी थे, अम्बिकापुर दर्रीपारा की हृदयस्थली में स्थित चारों तरफ सड़क से घिरा #गेहूँबाड़ी इनका फॉर्महाउस था.
कुमार साहब का विवाह सीकर राजस्थान की महाराज कुमरानी भूपेश्वरी देवी (31.08.1914 – 9/10.07.1988) से हुआ जो सीकर राजस्थान के राजा माधव सिंह KCIE, की पुत्री थीं. इनसे क्रमशःपाँच पुत्र, तीन पुत्री हुए.
1)- रा.कु. त्रिपुरेश्वर शरण सिंहदेव (12.03.1931 – 20.12.1961)
2)- रा.कु. माधेश्वर शरण सिंहदेव ‘बसदेई बाबा’, (08.04.1935 – 09.03.2015)
3)- रा.कु. विजेश्वर शरण सिंहदेव, MLA सूरजपुर (22.10.1938 – 31.01.1974)
4)- रा.कु. उमेश्वर शरण सिंहदेव, दशहरा, (10.10.1940 – 21.05.2019)
5)- राजकुमारी स्वर्णलता, पटना
6)- रा.कु. सोमेश्वर शरण सिंहदेव (02.07.1947)
7)- राजकुमारी प्रभा कुमारी, दिवंगत
8)- राजकुमारी ज्योति कुमारी, दिवंगत

चित्र:- महाराज कुमार चण्डिकेश्वर शरण सिंहदेव.

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Ashish Sinha

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