
संघर्ष से सफलता तक: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना से डामन कुमार साहू बने आत्मनिर्भर उद्यमी
सफलता की उड़ान: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना से डामन कुमार साहू बने आत्मनिर्भर उद्यमी
महासमुंद के युवा उद्यमी की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक कहानी
महासमुंद, 17 मार्च 2025:कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों और सही मार्गदर्शन मिल जाए, तो कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है। ऐसा ही एक उदाहरण प्रस्तुत किया है महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखंड के ग्राम सुखरीडबरी निवासी डामन कुमार साहू ने, जिन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) की मदद से न केवल अपने पैरों पर खड़े होने की राह बनाई, बल्कि अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गए।
डामन एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। बचपन से ही उन्होंने संघर्षों को करीब से देखा, लेकिन कभी हार नहीं मानी। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वे कुछ ऐसा करना चाहते थे, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकें। इसी दिशा में उन्होंने कौशल विकास योजना के तहत कंप्यूटर ऑनलाइन सर्विस की ट्रेनिंग ली।
स्वरोजगार की राह में सबसे बड़ी चुनौती – वित्तीय संकट
कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद डामन कुमार साहू का सपना था कि वे अपना खुद का कंप्यूटर ऑनलाइन सर्विस सेंटर खोलें, जिससे वे डिजिटल सेवाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ऑनलाइन सुविधाएं प्रदान कर सकें। लेकिन सीमित आर्थिक संसाधन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थे।
डामन बताते हैं, “मैंने सोचा था कि अगर मेरे पास अपना एक कंप्यूटर सेंटर हो, तो मैं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर के पास ही डिजिटल सेवाएं दे सकता हूँ। इससे न केवल मेरी आय होगी, बल्कि गाँव के लोगों को भी शहरों तक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। लेकिन पूंजी की कमी के कारण मेरा यह सपना अधूरा रह गया था।”
इस दौरान उनके एक मित्र ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के बारे में बताया, जो खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के तहत संचालित होता है। इस योजना के तहत सरकार 35 प्रतिशत अनुदान के साथ ऋण प्रदान करती है, जिससे छोटे उद्यमियों और युवाओं को स्वरोजगार शुरू करने में सहायता मिलती है।
सरकारी योजना बनी संजीवनी, मिली आर्थिक सहायता
डामन को इस योजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने खादी ग्रामोद्योग विभाग, जिला पंचायत महासमुंद से संपर्क किया और आवेदन किया। उनकी पात्रता की जांच के बाद भारतीय स्टेट बैंक, बागबाहरा शाखा ने उन्हें 4 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया।
इस आर्थिक सहायता से उन्होंने अपने सेंटर के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट कनेक्शन, फर्नीचर और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीदारी की और अपने सपने को हकीकत में बदलते हुए “डामन ऑनलाइन सर्विस सेंटर” की शुरुआत की।
सफलता की पहली सीढ़ी और शुरुआती संघर्ष
शुरुआती दौर में डामन के सामने कई चुनौतियाँ थीं –
✔ ग्राहकों का विश्वास जीतना
✔ डिजिटल सेवाओं की जानकारी को गाँव में लोकप्रिय बनाना
✔ इंटरनेट और बिजली की समस्याओं से जूझना
लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वे गाँव-गाँव जाकर लोगों को समझाने लगे कि अब उन्हें आधार कार्ड अपडेट, पैन कार्ड, ऑनलाइन फार्म भरने, बिल भुगतान, रेलवे टिकट बुकिंग और अन्य डिजिटल सेवाओं के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं है। धीरे-धीरे उनके केंद्र पर ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी और उनकी मेहनत रंग लाने लगी।
हर महीने 15,000 से 20,000 रुपये की आय, आत्मनिर्भरता की ओर कदम
डामन की कड़ी मेहनत का परिणाम यह हुआ कि अब उनके सेंटर पर हर दिन कई ग्राहक आते हैं। वर्तमान में वे हर महीने 15,000 से 20,000 रुपये तक की आय अर्जित कर रहे हैं। इससे न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरी, बल्कि वे बैंक का ऋण भी नियमित रूप से चुका रहे हैं।
आज उनके कंप्यूटर सेंटर में न केवल गाँव के लोग डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि कुछ अन्य युवाओं को भी रोजगार का अवसर मिला है।
डामन की कहानी बनी प्रेरणा, अन्य युवाओं को मिल रहा मार्गदर्शन
डामन का मानना है कि यदि किसी के पास सही मार्गदर्शन और मदद हो, तो वह अपने दम पर सफल हो सकता है। वे अपने क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं, ताकि वे भी अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
डामन कहते हैं, “अगर मेरे मित्र ने मुझे इस योजना के बारे में नहीं बताया होता, तो शायद मेरा सपना पूरा नहीं हो पाता। मैं सरकार और बैंक का आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया। मैं चाहता हूँ कि अन्य युवा भी इस योजना का लाभ उठाएँ और खुद का व्यवसाय शुरू करें।”
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) क्या है?
PMEGP केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के माध्यम से लागू की जाती है। इसके तहत –
✅ ग्रामीण क्षेत्रों में 35% तक अनुदान और शहरी क्षेत्रों में 25% तक अनुदान दिया जाता है।
✅ अधिकतम 50 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट को इस योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जाती है।
✅ इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद मिलती है।
डामन कुमार साहू की भविष्य की योजनाएँ
डामन अब अपने कंप्यूटर सेंटर का विस्तार करना चाहते हैं। वे भविष्य में –
✔ डिजिटल शिक्षा के लिए एक कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहते हैं।
✔ डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन कोर्सेस की शुरुआत करना चाहते हैं।
✔ और अधिक युवाओं को रोजगार देने की योजना बना रहे हैं।
योजनाएँ बनीं वरदान, युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ता भारत
डामन कुमार साहू की सफलता यह साबित करती है कि सही योजना और मेहनत से कोई भी व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सकता है। सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कर कोई भी युवा रोजगार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बन सकता है।
छोटे कदम, बड़ी सफलता
डामन की यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है उन लाखों युवाओं के लिए, जो संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को पूरा करने में असमर्थ महसूस करते हैं। अगर सही जानकारी, सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी बाधा सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती।
डामन कुमार साहू ने दिखा दिया कि सपने देखने वाले ही नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने वाले भी सफल होते हैं।
क्या आप भी बनना चाहते हैं आत्मनिर्भर?
अगर आप भी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो अपने जिले के खादी ग्रामोद्योग विभाग या बैंक शाखा से संपर्क करें। सही जानकारी और सही योजना के साथ आप भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं!