
जिला जेल गरियाबंद का निरीक्षण, बंदी के बच्चों की देखभाल का मिला आश्वासन
गरियाबंद जिला जेल का निरीक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत किया गया। निरीक्षण समिति ने एक बंदी के दो बच्चों की देखभाल और संरक्षण की जिम्मेदारी लेने का दिया आश्वासन। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
जिला जेल गरियाबंद का निरीक्षण, बंदी के बच्चों की देखभाल का मिला आश्वासन
गरियाबंद, 8 जुलाई 2025 – जिला जेल गरियाबंद का मंगलवार को जेल निरीक्षण समिति ने सुप्रीम कोर्ट और बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के निर्देशों के बाद दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य जेल में बंद बच्चों की उम्र की पुष्टि करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
निरीक्षण और आश्वासन
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में और जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के सहयोग से हुए इस निरीक्षण में किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य श्रीमती पूर्णिमा तिवारी, बाल कल्याण समिति की सदस्य श्रीमती ताकेश्वरी साहू, विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी श्री शरदचंद निषाद और अधिवक्ता श्री हेमराज दाऊ शामिल थे। जेल के सहायक जेल अधीक्षक और प्रहरी भी मौजूद थे।
निरीक्षण टीम ने जेल की पाँचों बैरकों का दौरा किया और कैदियों से बातचीत की, खासकर उनकी उम्र को लेकर पड़ताल की। इस दौरान, एक कैदी ने समिति को बताया कि उसके दो छोटे बच्चे घर पर अकेले हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। समिति ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और उन बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया, जो बाल अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नियमित निरीक्षण
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और बाल अधिकार आयोग के निर्देश पर हर तीन महीने में वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम जेलों का निरीक्षण करती है। इसका मकसद कम उम्र के कैदियों की पहचान करना और उन्हें सुधारात्मक या संरक्षणात्मक सहायता देना है।