छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़रायपुर

शराब घोटाले के आरोपियों पर नोएडा में FIR:अनवर ढेबर समेत 2 IAS अफसरों, एपी त्रिपाठी और होलोग्राम कारोबारी पर केस दर्ज

रायपुर। शराब घोटाला मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है । प्रवर्तन निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर हेमंत कुमार ने नोएडा के कासना थाना में शराब घोटाले के आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करवाई है। अब नोएडा की पुलिस इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उनमें आबकारी विभाग के अधिकारी रह चुके ITS अफसर अरुण पति त्रिपाठी, आईएएस निरंजन दास, होलोग्राम कारोबारी विधु गुप्ता, अनवर ढेबर और एक वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर शामिल है। इन सभी के खिलाफ धारा 420, 468 ,471 ,473 ,484, 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है।

क्या है नोएडा में दर्ज FIR में

शराब घोटाला जांच में ED को पता चला कि नोएडा स्थित आरोपी विधू गुप्ता की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध तरीके से खड़ा किया गया। इसे गलत तरीके से छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग को होलोग्राम की आपूर्ति के लिए टेंडर दिया गया। इस कंपनी के मालिकों, राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का काम किया। इसमें अरुणपति त्रिपाठी आईटीएस (विशेष सचिव उत्पाद शुल्क), निरंजन दास आईएएस (आबकारी आयुक्त), समेत एक और IAS निविदा से जुड़ी प्रक्रिया को मॉनिटर कर रहे थे। इन्होंने ही टेंडर कंपनी को दिया। बदले में, उन्होंने प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

नोएडा में डुप्लीकेट होलोग्राम बनाने वाले कारोबारी गुप्ता ने ED की जांच में बताया कि अरुण पति त्रिपाठी मुझे टेलीफोन पर कई सीरियल नंबर देते थे, ये होलोग्राम की संख्या वो होती थी जो पहले ही मुद्रित की जा चुकी है और उत्पाद शुल्क को आपूर्ति की जा चुकी है। इसके बाद फर्जी होलोग्राम बनते थे। इसे शराब की बोतलों पर लगा दिया जाता था। इससे राज्य के खजाने को 1200 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ और आरोपियों को अवैध लाभ हुआ।

घोटाले की जांच पर रोक, अब पुलिसिया एक्शन शुरू

दो सप्ताह पहले छत्तीसगढ़ में ईडी की ओर से दर्ज 2000 करोड़ रुपए की कथित आबकारी गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अनुसूचित अपराध के अभाव में कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर ही रोक लगा दी है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि इस मामले में अफसरों पर कोई दंडात्मक या कठोर कार्रवाई ना हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं को भी अंतरिम संरक्षण दिया है। अब ED ने नोएडा में केस दर्ज करवाकर ये साफ कर दिया है कि दूसरे तरीके से आरोपियों को घेरने का प्रयास जारी रहेगा।

Pradesh Khabar

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!